आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने स्वामी रामभद्राचार्य के उस बयान की निंदा की, जिसमें उन्होंने मनुस्मृति को देश का पहला संविधान बताया था। तेजस्वी ने इसे देशद्रोह करार दिया। उन्होंने कहा कि जो लोग मनुस्मृति को पहला संविधान बता रहे हैं, वे संविधान विरोधी हैं। तेजस्वी ने सवाल किया कि मनुस्मृति में महिलाओं और दलितों के लिए क्या लिखा गया है? उन्होंने पूछा कि भारत का पहला संविधान बाबासाहेब आंबेडकर ने बनाया था, तो मनुस्मृति कैसे पहला संविधान हो सकता है?
इसके अलावा, तेजस्वी यादव ने बिहार में SIR मुद्दे पर बात करते हुए कहा कि यह गरीबों के अधिकारों को छीनने की कोशिश थी। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में मिली जीत का भी जिक्र किया। नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए तेजस्वी ने कहा कि चुनाव के बाद उनकी पार्टी का अस्तित्व नहीं रहेगा।