अभिनेत्री और बीजेपी नेता कंगना रनौत की मानहानि मामले में मुश्किलें बढ़ गई हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में उनकी याचिका पर कड़ी टिप्पणी की, जिसके बाद उन्होंने अपनी याचिका वापस ले ली। मामला 2021 के एक ट्वीट से जुड़ा है, जिसमें कंगना ने किसान आंदोलन में शामिल एक महिला को शाहीन बाग की बिलकिस बानो बताया था।
जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने मामले की सुनवाई की। जस्टिस मेहता ने कहा कि ट्वीट में मसाला जोड़ा गया था और यह ट्रायल का विषय है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रिट्वीट होने के बावजूद, मामले को रद्द नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने कंगना रनौत को सलाह दी कि वह ट्वीट पर टिप्पणी न करें, क्योंकि इसका उनके मुकदमे पर असर पड़ सकता है। कोर्ट ने रनौत के वकील से पूछा कि क्या वे याचिका वापस लेना चाहते हैं, जिसके बाद याचिका वापस ले ली गई। कंगना रनौत के वकील ने दलील दी कि ट्वीट री-ट्वीट था और असली ट्वीट किसी और का था, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया।