नेपाल में केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद राजनीतिक माहौल गर्म है, खासकर काठमांडू में। अंतरिम प्रधानमंत्री के चयन को लेकर युवा पीढ़ी (Gen-Z) के बीच पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की के नाम पर सहमति नहीं बन पा रही है। इसके विरोध में, Gen-Z के प्रदर्शनकारी सेना मुख्यालय के सामने विरोध कर रहे हैं। स्थिति को देखते हुए, सेना ने प्रदर्शनकारियों पर बंदूकें तान दी हैं। सेना मुख्यालय की ओर जाने वाले सभी मार्गों पर स्नाइपर्स तैनात हैं ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके। सेना प्रमुख ने कार्की को सरकार गठन पर चर्चा के लिए बुलाया है। कार्की और सेना प्रमुख के बीच बातचीत के बाद, वे राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल से मिलेंगे।
सुशीला कार्की के नाम पर विवाद इसलिए है क्योंकि Gen-Z ने ऑनलाइन वोटिंग के माध्यम से उनका समर्थन किया है, लेकिन कुछ प्रदर्शनकारी उनके नाम से सहमत नहीं हैं। काठमांडू के मेयर बालेन साह ने भी कार्की का समर्थन किया है, लेकिन सहमति नहीं बन पाई है। काठमांडू के डिप्टी मेयर सहित कई अन्य नेता भी इस पद के इच्छुक हैं। राजशाही समर्थक दुर्गा प्रसाई ने सेना प्रमुख से मुलाकात की और कहा कि यदि कोई जिम्मेदारी नहीं लेता है, तो वे इसे निभाएंगे।
पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड, शेर बहादुर देउबा और केपी शर्मा ओली ने संविधान के अनुसार फैसला करने की बात कही है। पूर्व पीएम बाबूराम भट्टराई ने प्रतिनिधि सभा की बैठक बुलाने का सुझाव दिया, जिसमें सभी निर्णय लिए जाएं। नेपाल के संविधान के अनुसार, जब तक प्रतिनिधि सभा भंग नहीं होती, तब तक अंतरिम सरकार का गठन नहीं हो सकता। वर्तमान में, प्रतिनिधि सभा भंग नहीं हुई है। राष्ट्रपति के पास इसे भंग करने का अधिकार है, इसलिए अंतिम फैसला राष्ट्रपति को ही लेना होगा।