नेपाल में Gen Z के विरोध प्रदर्शनों के बीच, काठमांडू के मेयर बालेन्द्र शाह एक उभरते हुए राजनीतिक सितारे के रूप में उभरे हैं। उनकी बढ़ती लोकप्रियता और भारत के प्रति उनके रुख के कारण, यह सवाल उठ रहा है कि क्या वह भारत के लिए एक सहयोगी होंगे या एक संभावित चुनौती? इस लेख में, हम बालेन्द्र शाह के उदय, उनके विचारों और भारत-नेपाल संबंधों पर इसके संभावित प्रभाव का विश्लेषण करेंगे।
बालेन्द्र शाह: एक राष्ट्रवादी आवाज
बालेन्द्र शाह, जो रैपर से राजनेता बने हैं, ने काठमांडू के मेयर के रूप में कई सुधार किए हैं। वह युवाओं के बीच बेहद लोकप्रिय हैं और सोशल मीडिया पर सक्रिय रहते हैं। शाह को अक्सर भारत के प्रति आलोचनात्मक रवैया रखने के लिए जाना जाता है। उन्होंने कई बार भारत की नीतियों और नेपाल में उसके प्रभाव पर सवाल उठाया है। उदाहरण के लिए, उन्होंने काठमांडू में भारतीय फिल्मों पर प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया था और ‘आदिपुरुष’ फिल्म पर आपत्ति जताई थी।
‘ग्रेटर नेपाल’ का मुद्दा
शाह ‘ग्रेटर नेपाल’ की अवधारणा का समर्थन करते हैं, जो नेपाल के कुछ क्षेत्रों को भारत का हिस्सा मानने के खिलाफ है। 2023 में, उन्होंने अपने कार्यालय में ‘ग्रेटर नेपाल’ का नक्शा लगाया, जो भारत के ‘अखंड भारत’ के विचार का विरोध था। यह कदम भारत के साथ संबंधों में तनाव पैदा कर सकता है।
युवाओं का समर्थन
बालेन्द्र शाह नेपाल की Gen Z के बीच एक मजबूत समर्थन रखते हैं। युवा उन्हें एक नए और ईमानदार नेता के रूप में देखते हैं। शाह ने युवाओं को सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया है, जिससे उनकी लोकप्रियता और बढ़ी है।
भारत-नेपाल संबंध
बालेन्द्र शाह के प्रधानमंत्री बनने पर भारत-नेपाल संबंधों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है। शाह के भारत विरोधी रुख के कारण, दोनों देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण हो सकते हैं। हालांकि, शाह के पास भारत के साथ सहयोग करने और व्यापार तथा कूटनीतिक संबंधों को मजबूत करने का अवसर भी है। यह सब इस बात पर निर्भर करेगा कि वह अपनी विदेश नीति कैसे बनाते हैं।
निष्कर्ष
बालेन्द्र शाह का उदय नेपाल की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। भारत को उनके प्रति सावधानी बरतने और उनके साथ रचनात्मक संबंध स्थापित करने की आवश्यकता है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि शाह प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत के साथ अपने संबंधों को कैसे प्रबंधित करते हैं।
नेपाल में विरोध प्रदर्शन
नेपाल में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध और भ्रष्टाचार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी हैं। Gen Z के नेतृत्व में हो रहे इन विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसा भी हुई है। इस संकट ने नेपाल की राजनीतिक अस्थिरता को उजागर किया है।