अभिनेत्री मनीषा कोइराला ने नेपाल में प्रदर्शनकारियों पर हुई हिंसक कार्रवाई पर गहरी नाराजगी जताई है और इसे ‘नेपाल के लिए एक काला दिन’ बताया है।
कोइराला का यह बयान ऐसे समय में आया है जब नेपाल हाल के वर्षों में सबसे हिंसक विरोध प्रदर्शनों का सामना कर रहा है, जिसमें देश के युवा पीढ़ी न्याय, पारदर्शिता और अपनी आवाज़ उठाने के अधिकार की मांग कर रहे हैं।
इस दुखद स्थिति के बीच, कोइराला ने जमीन पर पड़े खून से सने एक जूते की तस्वीर साझा की। उन्होंने नेपाली भाषा में लिखा, जो पूरे देश के लोगों के दिलों को छू गया। अनुवादित संदेश इस प्रकार है: “आज नेपाल के लिए एक काला दिन है जब गोलियां लोगों की आवाज़ का जवाब देती हैं, भ्रष्टाचार के खिलाफ विरोध होता है और न्याय की मांग की जाती है।”
उनके ये विचार विशेष रूप से युवा नेपाली लोगों के लिए महत्वपूर्ण थे, जिन्होंने उन्हें सिर्फ एक अभिनेत्री नहीं, बल्कि एक ऐसी हस्ती के रूप में देखा है जो उनके दिल से बात करती हैं।
सोमवार को विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गए। काठमांडू में संसद के बाहर बदलाव की मांग को लेकर प्रदर्शनकारी एकत्र हुए, तभी अप्रत्याशित घटना घटी। सुरक्षा बलों ने भीड़ पर गोलियां चलाईं, जिससे देश में सदमा फैल गया। कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई और 300 से अधिक घायल हो गए, जिससे स्थिति पूरी तरह से अराजक हो गई। आंसू गैस के गोले हवा में भर गए, रबर की गोलियां सड़कों पर बिखरी हुई थीं, लाठियों से विरोध कर रहे लोगों पर वार किया गया, और पुलिस ने लाठियों से लोगों को पीटना शुरू कर दिया। आखिरकार, सेना को बुलाया गया।