GST काउंसिल के हालिया निर्णय से भारतीय ऑटोमोबाइल क्षेत्र को फायदा होने की उम्मीद है। क्रिसिल रेटिंग्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, टैक्स दरों में बदलाव से चालू वित्त वर्ष में टू-व्हीलर की बिक्री में 5 से 6 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है। रिपोर्ट में बताया गया है कि यह कदम घरेलू बाजार में मांग को बढ़ाएगा, खासकर टू-व्हीलर और यात्री वाहन सेगमेंट में, जो कुल बिक्री का लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा रखते हैं। क्रिसिल रेटिंग्स का मानना है कि जीएसटी में कटौती से टू-व्हीलर की मांग 200 बेसिस पॉइंट और यात्री वाहनों की मांग 100 बेसिस पॉइंट तक बढ़ सकती है। इस साल की पहली तिमाही में टू-व्हीलर की बिक्री ओबीडी2 नियमों के लागू होने और मानसून की वजह से प्रभावित हुई थी, जिससे ग्रामीण मांग और उपभोक्ता धारणा कमजोर हो गई थी। इस वित्तीय वर्ष में यात्री वाहन सेगमेंट में 2 से 3 प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना है। इसकी वजह किफायती कीमतों को लेकर चिंता, दुर्लभ खनिजों की कमी और जीएसटी में कटौती की उम्मीद में ग्राहकों का खरीदारी टालना है। हालांकि, टैक्स स्लैब सरल होने से मांग बढ़ेगी, साथ ही लॉजिस्टिक लागत भी कम होगी और वैल्यू चेन में मुनाफा बढ़ेगा। जीएसटी में कटौती के परिणामस्वरूप टू-व्हीलर की कीमत में 3 से 7 हजार रुपये तक की कमी आ सकती है। यह बदलाव त्योहारी सीजन से पहले लागू किया गया है, जिससे मांग में वृद्धि होगी। नए नियमों के अनुसार, छोटे यात्री वाहन, 350cc तक की टू-व्हीलर, तिपहिया और वाणिज्यिक वाहनों पर जीएसटी दर 28% से घटकर 18% हो जाएगी, जबकि 350cc से ऊपर की मोटरसाइकिलों पर अब 40% टैक्स लगेगा। कुल मिलाकर, GST 2.0 ऑटो सेक्टर के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव साबित हो सकता है, खासकर त्योहारी सीजन में नई लॉन्चिंग के साथ।
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