जोधपुर में आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की तीन दिवसीय अखिल भारतीय समन्वय बैठक संपन्न हुई। बैठक में पंजाब, पश्चिम बंगाल और मणिपुर सहित विभिन्न राज्यों की स्थिति पर गहन विचार-विमर्श किया गया। बैठक के दौरान, पंजाब में नशीली दवाओं और धर्मांतरण की बढ़ती समस्या पर चिंता व्यक्त की गई। संघ इन मुद्दों से निपटने के लिए काम कर रहा है, खासकर पिछड़े वर्गों को साथ लेकर धर्मांतरण को रोकने की कोशिश कर रहा है। संघ ने पंजाब में ड्रग्स के दुष्परिणामों और युवाओं को सही दिशा में लाने के तरीकों पर भी चर्चा की, साथ ही नशाखोरी से प्रभावित लोगों के लिए काउंसलिंग और पुनर्वास पर ध्यान केंद्रित किया गया। पश्चिम बंगाल में बांग्लादेशी घुसपैठियों की समस्या पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई। बैठक में अवैध घुसपैठ को रोकने और घुसपैठियों द्वारा स्थानीय लोगों के खिलाफ की जा रही हिंसा को रोकने की आवश्यकता पर जोर दिया गया। संघ ने बांग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिकों द्वारा पश्चिम बंगाल में फैलाए जा रहे अराजक तत्वों पर तत्काल कार्रवाई करने की आवश्यकता पर बल दिया। बैठक में हाल ही में सीमावर्ती क्षेत्रों में बांग्लादेशियों द्वारा किए गए उपद्रव पर चिंता व्यक्त की गई और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई। पूर्वोत्तर भारत की स्थिति पर भी चर्चा हुई, जिसमें अलगाववादी आंदोलनों और हिंसा में कमी आने की बात कही गई। बैठक में विकास और प्रगति के प्रयासों पर भी प्रकाश डाला गया। संघ विभिन्न जनजातीय समुदायों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने का प्रयास कर रहा है। मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच संबंधों को सामान्य करने के प्रयास किए जा रहे हैं, और गृह मंत्रालय के साथ बातचीत के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग 2 को फिर से खोला गया है। संघ को उम्मीद है कि जल्द ही वहां स्थिति सामान्य हो जाएगी। बैठक में पंजाब, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड में आई बाढ़ की स्थिति पर भी चिंता व्यक्त की गई और पीड़ितों की सहायता के लिए संघ कार्यकर्ताओं के प्रयासों की सराहना की गई।
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