शिक्षक दिवस 2025: भारत के लिए गौरव की बात है कि बिहार के भोजपुर जिले ने वशिष्ठ नारायण सिंह जैसा महान गणितज्ञ दिया, जिनकी प्रतिभा को दुनिया ने पहचाना। वशिष्ठ नारायण सिंह, जिन्हें गणित के चाणक्य के नाम से भी जाना जाता है, का जन्म 2 अप्रैल 1942 को हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा नेतरहाट विद्यालय से पूरी की और पटना साइंस कॉलेज से बीएससी की डिग्री हासिल की। उनकी प्रतिभा इतनी असाधारण थी कि उन्होंने एक ही सवाल को कई तरीकों से हल किया। उन्होंने अमेरिका में पीएचडी की और नासा में भी काम किया, लेकिन भारत लौटने का फैसला किया। 1989 में वे लापता हो गए और 14 नवंबर 2019 को उनका निधन हो गया। उनकी कहानी हम सभी के लिए प्रेरणादायक है।
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