साइबर अपराध आज देश के लिए एक गंभीर समस्या बन गया है, जो आधुनिक और चौंकाने वाले तरीकों से लोगों को ठग रहे हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से लोगों को निवेश का लालच देकर 5 से 10 गुना तक मुनाफा देने का वादा किया जाता है। रांची सीआईडी के साइबर क्राइम थाने ने एक ऐसे ही मामले का खुलासा किया है, जिसमें एक व्यक्ति को 1.53 करोड़ रुपये की ठगी का शिकार बनाया गया।
पीड़ित को व्हाट्सएप के जरिए संपर्क किया गया और निवेश करने के लिए प्रेरित किया गया। उन्हें कुछ लिंक भेजे गए, जिसके माध्यम से निवेश करने पर भारी मुनाफे का वादा किया गया। जांच में पता चला कि ठगों ने अलग-अलग बैंक खातों में पैसे जमा करवाए। पुलिस ने तेलंगाना के करीमनगर के ऐरा लक्ष्मा रेड्डी को गिरफ्तार किया है, जबकि उत्तर प्रदेश के हापुड़ के मोहम्मद आसिफ को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
जांच में सामने आया कि ठगों ने आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के एक खाते का इस्तेमाल किया, जिसमें सिर्फ दो दिनों में 58 लाख रुपये जमा हुए थे। गृह मंत्रालय के नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल के अनुसार, इस खाते से जुड़े पूरे देश में 11 मामले दर्ज हैं।
झारखंड सीआईडी ने लोगों से अपील की है कि सोशल मीडिया पर आने वाले निवेश संबंधी विज्ञापनों पर क्लिक न करें। किसी भी अनजान लिंक पर पंजीकरण न करें और न ही अपने बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर करें। केवल सरकार द्वारा अधिकृत एप्लीकेशन में ही निवेश करें और पूरी जानकारी प्राप्त करने के बाद ही आगे बढ़ें। साइबर ठगी का शिकार होने पर तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 या वेबसाइट https://wwwcybercrimegovin पर शिकायत दर्ज कराएं।
इससे पहले, सीआईडी, झारखंड ने निवेश से जुड़े साइबर अपराधों का खुलासा किया था, जिसमें करीब ₹30 करोड़ की धोखाधड़ी शामिल थी। रांची सहित कई जिलों में छापेमारी के बाद 7 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया था।