कोंडागांव जिले के फरसगांव ब्लॉक के अंतर्गत आलोर झाटीबन गांव की पहाड़ी गुफा में स्थित प्राचीन और रहस्यमयी माँ लिंगेश्वरी मंदिर इस साल भी सिर्फ एक दिन के लिए खुलेगा। मंदिर के कपाट 3 सितंबर 2025, बुधवार को परंपरा के अनुसार खोले जाएंगे। यह मंदिर बस्तर की सुंदर घाटियों में स्थित है और एक अद्भुत धार्मिक केंद्र के रूप में जाना जाता है। यहाँ माँ लिंगेश्वरी शिवलिंग के रूप में पूजी जाती हैं। भक्तों का विश्वास है कि मंदिर में मांगी गई मनोकामनाएं पूरी होती हैं। हर साल, छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों से हजारों श्रद्धालु यहां आते हैं। विशेष रूप से, जिन दंपत्तियों की संतान नहीं होती, वे संतान प्राप्ति की इच्छा लेकर माता के दर्शन करने आते हैं। परंपरा के अनुसार मंदिर में खीरा चढ़ाया जाता है। पुजारी बाद में उस खीरे को पति-पत्नी दोनों को बराबर हिस्सों में बांटकर प्रसाद के रूप में देते हैं। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से दंपत्ति की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। माँ लिंगेश्वरी सेवा समिति के पुजारी नंदलाल दीवान (ग्राम आलोर झाटीबन) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इस साल भी पुरानी परंपरा के अनुसार मंदिर के कपाट 3 सितंबर की सुबह खोले जाएंगे और हजारों श्रद्धालु इस पवित्र अवसर को देखेंगे। माँ लिंगेश्वरी मेले का लोगों को पूरे साल बेसब्री से इंतजार रहता है। भक्त एक दिन पहले से ही यहाँ डेरा डालना शुरू कर देते हैं ताकि वे माता के दर्शन का पहला सौभाग्य प्राप्त कर सकें।
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