प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सेमीकॉन इंडिया-2025 का उद्घाटन करेंगे, जिसका लक्ष्य भारत के सेमीकंडक्टर क्षेत्र को बढ़ावा देना है। प्रधानमंत्री इस सम्मेलन में भाग लेंगे और सीईओ गोलमेज सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।
यह सम्मेलन भारत में एक मजबूत, सशक्त और टिकाऊ सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने पर केंद्रित होगा। इसमें सेमीकॉन इंडिया कार्यक्रम की प्रगति, सेमीकंडक्टर फैब और उन्नत पैकेजिंग परियोजनाएं, बुनियादी ढांचे की तैयारी, स्मार्ट विनिर्माण, अनुसंधान और विकास और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में नवाचार, निवेश के अवसर और राज्य-स्तरीय नीति कार्यान्वयन जैसे विषयों पर सत्र आयोजित किए जाएंगे।
कार्यक्रम में डिजाइन लिंक्ड इंसेंटिव (डीएलआई) योजना, स्टार्टअप इको-सिस्टम का विकास, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और भारत के सेमीकंडक्टर क्षेत्र के भविष्य पर भी ध्यान दिया जाएगा।
इस आयोजन में 48 से अधिक देशों के 2,500 से अधिक प्रतिनिधि, 50 से अधिक वैश्विक हस्तियों के साथ 150 से अधिक वक्ता और 350 से अधिक प्रदर्शक शामिल होंगे। इसमें छह देशों की गोलमेज चर्चाएं, देशों के मंडप और कार्यबल विकास और स्टार्टअप के लिए विशेष मंडप भी होंगे।
भारत को सेमीकंडक्टर डिजाइन, विनिर्माण और प्रौद्योगिकी विकास के केंद्र के रूप में स्थापित करने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप, 2022 में बेंगलुरु, 2023 में गांधीनगर और 2024 में ग्रेटर नोएडा में सम्मेलन आयोजित किए गए।
प्रधानमंत्री मोदी की हालिया जापान यात्रा के दौरान, भारत-जापान ने सेमीकंडक्टर और एआई सहित 21 महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए। पीएम मोदी ने टोक्यो इलेक्ट्रॉन के सेमीकंडक्टर प्लांट का दौरा किया और दोनों देशों ने उन्नत प्रौद्योगिकी पर रणनीतिक साझेदारी बढ़ाने का संकल्प लिया। जापान सेमीकंडक्टर उपकरणों और सामग्री में वैश्विक नेता है। भारत-जापान समझौते का एक हिस्सा जापान से पुरानी तकनीकों को भारत में स्थानांतरित करना है, ताकि चीन पर निर्भरता कम हो सके और आर्थिक सुरक्षा बढ़ सके।