झारखंड में नक्सलवाद के खिलाफ जारी जंग में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है। झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति से प्रेरित होकर, प्रतिबंधित संगठन झारखंड जनमुक्ति परिषद (जेजेएमपी) के 9 उग्रवादियों ने लातेहार जिले में 12 अत्याधुनिक हथियारों के साथ आत्मसमर्पण किया। इनमें से पांच उग्रवादियों पर 23 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
झारखंड में नक्सली और उग्रवादी गतिविधियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान चल रहा है। सुरक्षाबलों द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है, जिसके परिणामस्वरूप कई उग्रवादी मारे जा रहे हैं, जबकि कई आत्मसमर्पण भी कर रहे हैं। ताजा मामला लातेहार जिले का है, जहां पुलिस और सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में जेजेएमपी के 9 उग्रवादियों ने हथियार डाले।
इन उग्रवादियों ने पुलिस को 04 AK-47, 01 AK-56, 03 एसएलआर, 02 .303 राइफल और 01 सेमी राइफल सहित 12 आधुनिक हथियार सौंपे। इसके साथ ही 1782 गोलियां और 26 मैगजीन भी जमा की गईं। आत्मसमर्पण करने वाले 9 उग्रवादियों में से 5 पर सरकार ने कुल 23 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। आत्मसमर्पण करने वालों में जोनल कमांडर रविंद्र यादव भी शामिल है, जिस पर 5 लाख रुपये का इनाम था। रविंद्र के खिलाफ 14 मामले दर्ज हैं।
जेजेएमपी संगठन के सब जोनल कमांडर अखिलेश यादव पर भी 5 लाख रुपये का इनाम घोषित था। उनके खिलाफ लातेहार और पलामू जिलों में 10 मामले दर्ज हैं। अखिलेश ने 01 एके-47 राइफल, 258 गोलियां और तीन मैगजीन के साथ आत्मसमर्पण किया। सब जोनल कमांडर बलदेव गंझू उर्फ अमरेश गंझू उर्फ भगत जी पर भी 5 लाख का इनाम घोषित था, जिनके खिलाफ 9 मामले दर्ज हैं। मुकेश राम और कल्लू उर्फ रवि पर भी 5 लाख का इनाम घोषित था, और रवि के खिलाफ 21 मामले दर्ज हैं। पवन उर्फ राम प्रसाद महतो जेजेएमपी के सब जोनल कमांडर थे, जिन पर 3 लाख का इनाम था, उन्होंने एक एसएलआर के साथ आत्मसमर्पण किया।
ध्रुव उर्फ राजू राम JJMP के एरिया कमांडर थे, जिन पर तीन केस दर्ज थे। उन्होंने एक सेमी राइफल के साथ आत्मसमर्पण किया। विजय यादव और श्रवण सिंह उर्फ पारस ने भी आत्मसमर्पण किया। आईजी ऑपरेशन, माइकल राज एस ने इस घटना को झारखंड राज्य के गठन के बाद अब तक की सबसे बड़ी सफलता बताया। उन्होंने कहा कि 2025 के अंत तक झारखंड को नक्सल मुक्त करने का लक्ष्य है।