रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने स्कूलों में शनिवार को लगने वाले समय में बदलाव किया है, जिसके परिणामस्वरूप बच्चों की दिनचर्या में भी परिवर्तन आएगा। नए नियमों के अनुसार, अब योग और व्यायाम जैसी शारीरिक गतिविधियाँ दोपहर के भोजन के बाद आयोजित की जाएंगी, जबकि पहले ये सुबह के समय में होती थीं।
पहले, शनिवार को स्कूल सुबह 7:30 बजे से 11:30 बजे तक लगते थे, लेकिन अब नए निर्देशों के अनुसार, सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक संचालित होंगे। इस बदलाव पर शिक्षक नेताओं ने आपत्ति जताई है, और वे इसे अव्यवहारिक मान रहे हैं। वे चाहते हैं कि शनिवार को स्कूल पहले की तरह ही संचालित हों।
शिक्षक संघ के नेताओं का मानना है कि शिक्षा का उद्देश्य बच्चों का समग्र विकास करना है। इसमें किताबी ज्ञान के साथ-साथ शारीरिक, मानसिक, नैतिक, व्यावहारिक और कौशल शिक्षा भी शामिल होनी चाहिए। उनका कहना है कि योग, प्राणायाम और व्यायाम जैसी गतिविधियाँ सुबह के समय ही प्रभावी होती हैं, क्योंकि ये खाली पेट की जाती हैं।
शिक्षक नेताओं ने बताया कि योग, प्राणायाम और व्यायाम शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं। उनका मानना है कि शारीरिक शिक्षा और योग से शरीर और मन के बीच संतुलन बनता है।
कुछ शिक्षकों का कहना है कि यह निर्णय स्वास्थ्य की दृष्टि से उचित नहीं है, क्योंकि योग और व्यायाम के लिए सुबह का समय सबसे अच्छा होता है। उनका यह भी मानना है कि नए समय के कारण बच्चों के सर्वांगीण विकास में बाधा आएगी।
स्कूल शिक्षा विभाग ने 1 सितंबर 2018 को एक आदेश जारी किया था, जिसमें स्कूलों के समय का निर्धारण किया गया था। इस आदेश के अनुसार, सोमवार से शुक्रवार तक स्कूल सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक और शनिवार को सुबह 7:30 बजे से 11:30 बजे तक संचालित होते थे। हालांकि, हाल ही में समय सारणी में बदलाव करने का प्रयास किया गया है, जिससे पूरे राज्य में एकरूपता का अभाव हो गया है।
छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि शनिवार को स्कूलों का संचालन पहले की तरह सुबह 7:30 से 11:30 बजे तक ही होना चाहिए, क्योंकि सुबह का समय योगाभ्यास, व्यायाम और खेलकूद जैसी गतिविधियों के लिए सबसे उपयुक्त होता है।
नया समय सारणी इस प्रकार है:
* 10:00-10:15: प्रार्थना, राष्ट्रगान, और मासिक थीम पर चर्चा।
* 10:15-11:05: (पहला कालखंड): मातृभाषा, पुस्तकालय, और मूल्यांकन आधारित उपचारात्मक शिक्षा।
* 11:05-11:55: (दूसरा कालखंड): गणित और उपचारात्मक शिक्षा।
* 11:55-12:05: लघु अवकाश।
* 12:05-12:55: (तीसरा कालखंड): अंग्रेजी और उपचारात्मक शिक्षा।
* 12:55-1:45: (चौथा कालखंड): पर्यावरण और उपचारात्मक शिक्षा।
* 1:45-2:35: भोजन अवकाश।
* 2:35-3:15: (पांचवां कालखंड): वर्कबुक, पढ़ना-लिखना, और विषयवार उपचारात्मक शिक्षा।
* 3:15-4:00: (अंतिम कालखंड): शारीरिक शिक्षा, योग, खेल, कला और बागवानी।