रविवार को हॉकी इंडिया ने भारतीय पुरुष हॉकी टीम के गोलकीपर कृष्णन बी पाठक को 150 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने की उपलब्धि पर बधाई दी। पंजाब के कपूरथला के रहने वाले 28 वर्षीय पाठक ने यह कीर्तिमान बिहार के राजगीर हॉकी स्टेडियम में आयोजित हीरो मेंस एशिया कप राजगीर 2025 के भारत बनाम जापान मैच में हासिल किया। भारत ने अपने अभियान की शुरुआत चीन के खिलाफ 4-3 से रोमांचक जीत के साथ की थी, जिसमें कप्तान हरमनप्रीत सिंह की हैट्रिक और जुगराज सिंह का एक गोल शामिल था। टीम इस जीत की लय को बरकरार रखना चाहती है। हॉकी इंडिया के अध्यक्ष डॉ. दिलीप तिर्की ने कहा कि कृष्णन हाल के वर्षों में भारतीय हॉकी के प्रमुख खिलाड़ियों में से एक रहे हैं। गोलकीपिंग एक चुनौतीपूर्ण भूमिका है और उन्होंने हमेशा बड़े मंचों पर शानदार प्रदर्शन किया है। 2016 जूनियर वर्ल्ड कप से लेकर भारत के पहले गोलकीपर बनने तक उनकी यात्रा हर युवा खिलाड़ी के लिए प्रेरणादायक है। हॉकी इंडिया की ओर से, मैं उन्हें 150 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने पर बधाई देता हूं और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूं। हॉकी इंडिया के महासचिव भोला नाथ सिंह ने कहा कि हमें कृष्णन की उपलब्धियों पर बहुत गर्व है। उन्होंने खेल के प्रति असाधारण समर्पण, धैर्य और जुनून दिखाया है। उनके प्रदर्शन ने हाल के वर्षों में भारत की सफलता में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और वह लगातार उभरते खिलाड़ियों के लिए एक आदर्श बने हुए हैं। 150 मैच खेलना न केवल एक व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि भारतीय हॉकी में उनके योगदान का प्रमाण भी है। कृष्णन बी पाठक ने कहा कि यह उनके और उनके परिवार के लिए एक विशेष क्षण है। भारत का 150 बार प्रतिनिधित्व करना एक सपना था, जिसकी उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की थी जब उन्होंने कपूरथला में हॉकी खेलना शुरू किया था। प्रत्येक मैच गर्व का विषय होता है, लेकिन यह मील का पत्थर विशेष है क्योंकि यह एक महत्वपूर्ण टूर्नामेंट के दौरान आया है। मैं अपने कोच, साथियों और हॉकी इंडिया का आभारी हूं जिन्होंने मुझ पर विश्वास किया और हर कदम पर मेरा साथ दिया। अब मेरा ध्यान टीम की सफलता में योगदान देने और भारत के भविष्य के गोलकीपरों को प्रेरित करने पर है। कृष्णन बी पाठक अपनी चपलता और गोलपोस्ट पर स्थिरता के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने पहली बार 2016 में लखनऊ में आयोजित एफआईएच जूनियर वर्ल्ड कप में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय जूनियर टीम का हिस्सा बनकर पहचान हासिल की। उन्होंने जनवरी 2018 में जापान के खिलाफ फोर-नेशंस टूर्नामेंट में सीनियर टीम में पदार्पण किया और जल्द ही टीम में अपनी जगह पक्की कर ली। तब से, वह भारत की कई ऐतिहासिक जीतों का हिस्सा रहे हैं, जिनमें 2018 एशियन चैंपियंस ट्रॉफी (पाकिस्तान के साथ संयुक्त स्वर्ण), 2022 हांगझोउ एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक, और 2023 और 2024 में लगातार एशियन चैंपियंस ट्रॉफी खिताब शामिल हैं। एफआईएच मेंस हॉकी प्रो लीग 2020/21 और 2021/22 के दौरान पाठक भारत की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण स्तंभ थे, जहां उनके शानदार बचाव ने भारत को पोडियम फिनिश हासिल करने में मदद की। वह 2022 बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक जीतने वाली भारतीय टीम का भी हिस्सा थे और एफआईएच ओडिशा मेंस हॉकी विश्व कप 2023 भुवनेश्वर-राउरकेला में भी खेले। पेरिस 2024 ओलंपिक के बाद महान गोलकीपर पीआर श्रीजेश के संन्यास लेने के बाद, पाठक भारत के भरोसेमंद पहले गोलकीपर बन गए।
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