प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए जापान की यात्रा पर हैं। यह यात्रा दो दिनों की है। जापान पहुंचने पर पीएम मोदी का जोरदार स्वागत किया गया। भारतीय समय के अनुसार, सुबह 5:40 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी टोक्यो के हानेडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरे। इसके बाद, सुबह 10:30 से 10:50 बजे तक एक प्रमुख व्यावसायिक कार्यक्रम आयोजित होगा। फिर, सुबह 11:30 से दोपहर 1:10 बजे तक प्रधानमंत्री मोदी जापान के महत्वपूर्ण व्यक्तियों से मुलाकात करेंगे। दोपहर 1:15 से 1:20 बजे के बीच, शोरिनज़ान दारुमा जी मंदिर के प्रमुख पुजारी द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को दारुमा गुड़िया भेंट की जाएगी। इसके बाद दोपहर 2:30 से शाम 5:15 बजे तक भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन आयोजित होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार से जापान और चीन की चार दिवसीय यात्रा पर हैं। इस यात्रा का मुख्य फोकस जापान के साथ व्यापार और निवेश को बढ़ावा देना और चीन के साथ संबंधों को सुधारना है। यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की व्यापार नीतियों के कारण भारत और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ा है। यात्रा से पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह विदेशी दौरा देश के हितों और प्राथमिकताओं को बढ़ावा देगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मुझे विश्वास है कि मेरी जापान और चीन की यात्राएं भारत के राष्ट्रीय हितों और प्राथमिकताओं को मजबूत करेंगी और क्षेत्रीय व वैश्विक स्तर पर शांति, सुरक्षा और विकास को बढ़ावा देंगी। अपनी 29-30 अगस्त की जापान यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी जापान के प्रधान मंत्री शिगेरू इशिबा के साथ वार्षिक शिखर वार्ता में हिस्सा लेंगे। उम्मीद है कि जापान इस बैठक में भारत में अपने निवेश को दोगुना करने की घोषणा करेगा। इसके अतिरिक्त, दोनों देशों के बीच रक्षा, प्रौद्योगिकी और अन्य प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर होने की संभावना है। पीएम मोदी ने जापान यात्रा पर जाने से पहले कहा कि भारत और जापान के बीच विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी को नई दिशा देनी है। पिछले 11 सालों में हमारे द्विपक्षीय संबंधों ने लगातार प्रगति की है। हम आर्थिक और निवेश सहयोग का विस्तार करने के साथ-साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), सेमीकंडक्टर और अन्य उभरती प्रौद्योगिकियों में भी मिलकर काम करेंगे। प्रधान मंत्री ने कहा कि यह यात्रा भारत और जापान के बीच सांस्कृतिक और सभ्यतागत संबंधों को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर होगा। यात्रा के दूसरे चरण में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31 अगस्त और 1 सितंबर को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन के तियानजिन शहर जाएंगे। उन्होंने कहा कि मैं इस शिखर सम्मेलन के दौरान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अन्य शीर्ष नेताओं से मिलने के लिए उत्साहित हूं। रविवार को उनकी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात होने की संभावना है, जहां दोनों नेता पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद के बाद तनाव कम करने और द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने पर चर्चा कर सकते हैं।
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