पूर्वी सिंहभूम के जमशेदपुर और घाटशिला शहरों में एक बड़े नौकरी घोटाले का खुलासा हुआ है, जिसमें झूठी कंपनियाँ “ग्लेज़ इंडिया”, “राधा इंटरप्राइजेज” और “रॉयल हेल्थ इंडिया” ने टाटा जैसी प्रतिष्ठित फर्मों में नौकरी पाने का दावा करते हुए सैकड़ों युवा-युवतियों को धोखा दिया।
बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और अन्य राज्यों से नौकरियों के नाम पर आए युवाओं से 25,000 रुपये की भारी रकम वसूली गई और उन्हें मार्केटिंग विभाग में जबरन काम पर लगाया गया। विरोध करने पर उन्हें जंगलों में ले जाकर पीटने या बंद कमरे में रखने की खबरें सामने आईं।
ग्रामीण पुलिस स्टेशन के मुख्य निरीक्षक रेशव गर्ग के नेतृत्व में छापे के दौरान घाटशिला से 180 और जमशेदपुर के भोला बागान से 100 युवाओं को छोड़ा गया। स्थानीय सूचना के अनुसार, स्थल पर 500 से 1000 युवियों का भी रहना देखा गया, परन्तु उन्हें अभी तक पूरी तरह से बचाया नहीं गया है।
जांच में 150 से अधिक पूछताछ किए गए, जिनमें से कई ने नौकरी के लिए आने का दावा किया, जबकि एक पूर्व कर्मचारी ने कहा कि उससे 25,000 रुपये लिए गए और घर लौटने पर उसकी भी पिटाई की गई। इसी शिकायत के आधार पर पुलिस ने छोटे गोविंदपुर और घाटशिला के मऊभंडार ओपी क्षेत्र के पांचपांडव इलाके में छापा बढ़ाया।
पुलिस वर्तमान में पूरे नेटवर्क की जाँच कर रही है और यह घोटाला झारखंड के इतिहास में सबसे बड़ा जॉब स्कैम माना जा रहा है, जिसमें आर्थिक ठगी के साथ-साथ युवाओं को बंधक बनाकर शोषण भी हुआ। कार्यवाही मंगलवार की देर रात तक चलती रही, और बुधवार की सुबह भी फिर से कैद किए गए युवाओं से पूछताछ जारी है।