गौतम गम्बीख के नाम पर उनके फाउंडेशन (GGF) और परिवार के सदस्यों पर COVID‑19 दवाओं जैसे फ़ैविपिराविर तथा मेडिकल ऑक्सीजन को बिना लाइसेंस के संग्रहीत और वितरित करने का आरोप है, जो ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 का उल्लंघन करता है। यह सब दिल्ली के दूसरे COVID‑19 वेव के दौरान फाउंडेशन द्वारा चलाए जा रहे मुफ्त चिकित्सा शिविरों में हुआ।
**अप्रैल – मई 2021: वैलंटरी मेडिकल कैंप और प्रारम्भिक जाँच**
22 अप्रैल से 7 मई 2021 तक, गौतम गम्बीख फ जगरति एनक्लेव, ईस्ट दिल्ली में मुफ्त चिकित्सा शिविरों का आयोजन किया। इन शिविरों में फ़ैविपिराविर तथा ऑक्सीजन थैरेपी बिना लाइसेंस के वितरित की गई। दलित पुलिस ने दो जांचें चलायीं और गम्बीख को किसी भी गलत कार्य से मुक्त किया, पर दिल्ली के ड्रग कंट्रोल विभाग ने फिर भी फाउंडेशन पर आरोपों की जाँच जारी रखी।
**मई 2021: दिल्ली हाई कोर्ट की हस्तक्षेप**
1 मई 2021 को, दिल्ली हाई कोर्ट ने प्रश्न उठाया कि गम्बीख बिना लाइसेंस के फ़ैविपिराविर की थोक खरीद और वितरण कैसे कर रहे हैं। कोर्ट ने दवा की उपलब्धता पर प्रभाव के बारे में पूछा और ड्रग कंट्रोलर को राजनेताओं द्वारा थोक में दवाइयों की खरीद रोकने के लिए निर्देशित किया।
24 मई 2021 को, कोर्ट ने दिल्ली ड्रग कंट्रोलर को निर्देश देकर गम्बीख द्वारा 2,343 स्ट्रिप्स फ़ैविपिराविर और गौर अस्पताल के माध्यम से फाउंडेशन द्वारा खरीदी गई 2,628 स्ट्रिप्स पर एक रिपोर्ट देने को कहा। कोर्ट ने गम्बीख के नेक इरादों को स्वीकार किया, पर अनजाने में दवा की कमी को और बढ़ाने के सम्भावना पर इशारा किया। सुनवाई 31 मई 2021 के लिए स्थगित कर दी गई।
**पोलिस रिपोर्ट एवं आपराधिक शिकायत**
ड्रग कंट्रोल विभाग के जांच के बाद, गम्बीख, GGF, सीईओ अपराजिता सिंह और ट्रस्टी स्त्रीवर्ग (पत्नी नताशा और माँ सेमा) पर 200 सेक्शन के तहत आपराधिक शिकायत दाखिल की गई। आरोप सेक्शन 18(c) और 27(b)(ii) पर आधारित थे, जिनमें 3‑5 वर्ष की कैद व जुर्माना संभावित है। ट्रायल कोर्ट ने समन आदेश जारी किया।
**सितंबर 2021: ट्रायल पर स्टे**
20 सितंबर 2021 को, दिल्ली हाई कोर्ट ने गम्बीख व फाउंडेशन और रिश्तेदारों द्वारा दायर पेटीशन पर ट्रायल स्टे घोषित किया, और ड्रग कंट्रोल अथॉरिटी से उत्तर माँगा गया।
**अप्रैल 2025: स्टे हटाया गया**
9 अप्रैल 2025 को, हाई कोर्ट ने गम्बीख के वकील के न आने के कारण स्टे को हटाने का निर्णय लिया। 29 अगस्त 2025 के लिए केस की आगे की सुनवाई तय हुई।
**अगस्त 2025: स्टे को रद्द किया गया**
25 अगस्त 2025 को, हाई कोर्ट ने ट्रायल पर स्टे को रद्द कर दिया। न्यायधीश नीना बंसल कृष्णा 29 अगस्त को केस सुनेगी। रक्षा दल ने गम्बीख के हेड कोच व पूर्व सांसद तथा महामारी राहत कार्यकर्ता होने के कारण की अपील की, पर कोर्ट ने पात्रता से संबंधित बातों को अवैध बताया। 9 अप्रैल के आदेश को फिर से चाटने और FIR को निरस्त करने के लिए पेटीशन 29 अगस्त को सुनी जाएगी। रक्षा पक्ष 8 सितंबर 2025 से पहले एक प्रारंभिक सुनवाई की आशा रखता है, ताकि मां व पत्नी के समन से बचा जा सके।
**आगामी तिथियाँ**
– **29 अगस्त 2025:** FIR निरस्त करने और स्टे हटाने के निर्णय पर हाई कोर्ट को सुनवाई।
– **8 सितंबर 2025:** ट्रायल कोर्ट आगे की कार्यवाही करेगा, और यदि मामला आगे बढ़ता है तो रिश्तेदारों को बुलाया जा सकता है।