डोनाल्ड ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने इस बात को स्वीकार किया है कि रूस और यूक्रेन के बीच इस साल युद्ध के रुकने की संभावना कम है। विटकॉफ के मुताबिक, मौजूदा हालात को देखते हुए युद्ध के जल्दी समाप्त होने की उम्मीद नहीं है।
विटकॉफ का यह बयान ट्रंप के लिए एक बड़ी निराशा है, क्योंकि ट्रंप लगातार इस बात पर जोर दे रहे हैं कि वे जल्द ही युद्ध को रोक देंगे। यूरोपीय नेताओं ने भी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर अविश्वास जताया है।
ट्रंप की धमकियों का भी कोई असर नहीं हो रहा है। दोनों देश युद्ध रोकने के लिए ट्रंप की धमकियों को नजरअंदाज कर रहे हैं। इसके विपरीत, यूक्रेन ने अपनी मिसाइलें बनाई हैं, जिन्हें राष्ट्रपति जेलेंस्की ने प्रभावी बताया है।
रूस लगातार यूक्रेन पर हमले कर रहा है और डोनबास पर कब्जा करने की कोशिश कर रहा है। रूस मिसाइलों और ड्रोन से यूक्रेन पर हमले कर रहा है।
युद्ध विराम पर सहमति क्यों नहीं बन रही है?
1. रूस का मानना है कि यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के पास बातचीत करने का अधिकार नहीं है, क्योंकि उनका कार्यकाल समाप्त हो गया है। रूस जेलेंस्की को वैध राष्ट्रपति नहीं मानता।
2. रूस उन क्षेत्रों को वापस नहीं देना चाहता है जिन पर उसने युद्ध में कब्जा किया है, जैसे कि डोनबास। रूस क्रीमिया को भी मान्यता देना चाहता है और चाहता है कि यूक्रेन नाटो में शामिल न हो। अमेरिका ने इस पर विचार करने की बात कही है, लेकिन यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी भी दी है।