रांची। झारखंड विधानसभा में मंगलवार को कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित हुए, जिनमें झारखंड राज्य विश्वविद्यालय विधेयक 2025 प्रमुख रहा। इस विधेयक में सबसे अहम बदलाव यह है कि अब विश्वविद्यालयों के कुलपति (वीसी) और प्रो-वीसी सहित अन्य महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्ति का अधिकार मुख्यमंत्री के पास होगा।
विधेयक में व्यावसायिक शिक्षण संस्थानों में फीस विनियमन, कोचिंग सेंटरों का नियंत्रण और गिग श्रमिकों के कल्याण जैसे प्रावधान भी शामिल हैं। झारखंड व्यावसायिक शिक्षण संस्थान (शुल्क विनियमन) विधेयक 2025 पारित होने से निजी शिक्षण संस्थानों में मनमानी फीस पर रोक लगेगी। सरकार एक नियामक ढांचा स्थापित करेगी जो फीस को नियंत्रित करेगा।
इसी तरह, झारखंड कोचिंग सेंटर (नियंत्रण एवं विनियमन) विधेयक 2025 के तहत कोचिंग सेंटरों की निगरानी के लिए राज्य और जिला स्तर पर प्राधिकरण स्थापित किए जाएंगे। सभी कोचिंग सेंटरों, शिक्षकों और छात्रों का पंजीकरण अनिवार्य होगा। गिग श्रमिकों के लिए भी एक विधेयक पारित किया गया है, जिसमें उनके लिए सभ्य कार्य परिस्थितियाँ, न्यूनतम वेतन और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने का प्रावधान है।
इसके अतिरिक्त, झारखंड सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (विशेष छूट) विधेयक 2025 पारित होने से इन उद्यमों को सरकारी स्वीकृति और निरीक्षणों से छूट मिलेगी, जिससे राज्य में उद्यमशीलता को बढ़ावा मिलेगा।