बुची बाबू ट्रॉफी 2025 में, महाराष्ट्र के स्टार बल्लेबाज रुतुराज गायकवाड़ ने हिमाचल प्रदेश के खिलाफ शानदार शतक लगाकर प्रतिस्पर्धात्मक क्रिकेट में जोरदार वापसी की।
चोट के कारण इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) से बाहर होने के बाद, गायकवाड़ एक महत्वपूर्ण घरेलू सीज़न से पहले अपनी फॉर्म हासिल करना चाहते थे। यह वापसी वाली पारी सिर्फ रनों के बारे में नहीं थी, बल्कि यह भी दर्शाती थी कि हालिया असफलताओं के बावजूद उनकी बल्लेबाजी क्षमता अभी भी बरकरार है।
महाराष्ट्र के बल्लेबाजी करने के बाद, 22 रन पर सिद्देश वीर के आउट होने से दबाव बन सकता था, लेकिन गायकवाड़ ने युवा अर्शिन कुलकर्णी के साथ मिलकर शानदार बल्लेबाजी की। इस जोड़ी ने हिमाचल प्रदेश के गेंदबाजों को परेशान किया, बेहतरीन शॉट लगाए और मजबूत मनोबल दिखाया।
कुलकर्णी ने 190 गेंदों में 146 रन बनाए, जिसमें 16 चौके और एक छक्का शामिल था, जबकि गायकवाड़ ने दूसरे छोर पर अपनी पारी को संभाला, क्लासिक अंदाज में शॉट खेले। पहले दिन के चायकाल तक, महाराष्ट्र ने 2 विकेट पर 300 रन बना लिए थे, जिसमें गायकवाड़ 104* रन बनाकर नाबाद रहे, जबकि कप्तान अंकित बावन 11* रन बनाकर खेल रहे थे।
यह पारी गायकवाड़ के लिए सिर्फ एक उपलब्धि नहीं है, बल्कि एक कठिन घरेलू सीज़न से पहले आत्मविश्वास बढ़ाने का भी काम करती है। 65 प्रथम श्रेणी मैचों में 2,632 रन, सात शतक और 14 अर्धशतक के साथ, यह दाएं हाथ का बल्लेबाज महाराष्ट्र की लाल गेंद की टीम का अहम हिस्सा रहा है।
उनकी हालिया पारी से न केवल उनका आत्मविश्वास बढ़ा है, बल्कि खेल के लंबे प्रारूपों में वापसी की उम्मीदें भी जगी हैं, जहां उनका स्वभाव और तकनीक बेहतर प्रदर्शन कर सकती है।
जैसे ही घरेलू सीज़न नजदीक आ रहा है, यह शतक गायकवाड़ के करियर में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। फिलहाल, उनका संदेश स्पष्ट है – चोटों के कारण उनकी प्रगति में रुकावट आई होगी, लेकिन रनों और बड़ी सफलता की उनकी भूख पहले जैसी ही है।