लोहरदगा जिले में तीज का त्योहार हर्षोल्लास के वातावरण में मनाया गया, जो सुहाग और समर्पण का प्रतीक है। सुहागिन महिलाओं ने इस अवसर पर पूरे भक्ति भाव से व्रत रखा और अपने पतियों की लंबी आयु और अखंड सौभाग्य की कामना की। महिलाओं ने पूरे दिन निर्जला उपवास किया और पूरी श्रद्धा के साथ पूजा-अर्चना की।
व्रत की तैयारियां सुबह से ही शुरू हो गई थीं, और शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न स्थानों पर पूजा आयोजित की गई। आचार्यों ने हरितालिका तीज व्रत की कथा सुनाई और पूजा संपन्न करवाई। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन का प्रतीक है। कथा के अनुसार, माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी। जिसके बाद भगवान शिव ने उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पतियों की लंबी उम्र और सौभाग्य के लिए व्रत रखती हैं।