भारत में हर साल लाखों कारों का उत्पादन होता है और उनकी बिक्री होती है। एक समय था जब भारत कारों के लिए आयात पर निर्भर था, लेकिन अब यह स्थिति बदल गई है। भारत अब दुनिया भर में कारों का निर्यात करता है, जो ‘मेक-इन-इंडिया’ पहल का परिणाम है। टाटा और महिंद्रा जैसे भारतीय ब्रांड भी मेड-इन-इंडिया कारें निर्यात करते हैं, लेकिन मारुति सुजुकी, जो जापान की सुजुकी मोटर की सहायक कंपनी है, एक कदम आगे है। यह कंपनी जापान की तुलना में भारत में अधिक कारें बनाती है और दुनिया भर में निर्यात करती है।
सुजुकी हर साल लाखों कारें बनाती है। 2024 में सुजुकी का वैश्विक उत्पादन लगभग 33 लाख यूनिट था। जापान में लगभग 10 लाख कारों का उत्पादन हुआ, जबकि भारत में 20 लाख से अधिक कारें बनाई गईं, जो किसी भी अन्य देश से अधिक है।
भारत में सुजुकी की बिक्री भी सबसे अधिक है। 2024 में, सुजुकी ने दुनिया भर में 3,248,317 कारें बेचीं, जिनमें से 1,790,877 भारत में बिकीं। जापान में 721,788 और अन्य देशों में 735,652 कारें बिकीं। इसका मतलब है कि सुजुकी भारत में बेची जाने वाली लगभग सभी कारों का उत्पादन यहीं करती है और अतिरिक्त उत्पादन का निर्यात करती है।
सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन आने वाले 56 वर्षों में भारत में लगभग 70,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बना रही है। यह निवेश कारों और उनके पुर्जों के उत्पादन पर केंद्रित होगा। सुजुकी पहले ही भारत में 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश कर चुकी है, जिससे 11 लाख से अधिक प्रत्यक्ष नौकरियां पैदा हुई हैं। गुजरात में स्थित प्लांट दुनिया के सबसे बड़े ऑटोमोबाइल निर्माण केंद्रों में से एक बनने वाला है, जिसकी वार्षिक उत्पादन क्षमता 10 लाख गाड़ियाँ होगी। यह प्लांट भारत और दुनिया भर के बाजारों को आपूर्ति करेगा।