रांची में झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान, वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने सीएजी रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट में राज्य के वित्तीय स्वास्थ्य से संबंधित महत्वपूर्ण विवरण सामने आए, जिसमें राजस्व बकाया का मुद्दा भी शामिल था, जो सरकार के लिए चिंता का विषय है।
रिपोर्ट के अनुसार, 31 मार्च 2024 तक 84.72 करोड़ रुपये का राजस्व बकाया था, जिसमें से 38.91 करोड़ रुपये पांच साल से अधिक समय से लंबित थे। उत्पाद शुल्क और निषेध विभाग के तहत 7.72 करोड़ रुपये अदालतों और अन्य अपीलीय प्राधिकरणों में फंसे हुए थे।
वित्तीय वर्ष 2023-24 में, राजस्व प्राप्तियां पिछले वर्ष की तुलना में 9.57% बढ़ीं, लेकिन बजट अनुमान से 10.58% कम रहीं। राजस्व व्यय में 14.99% की वृद्धि हुई, लेकिन बजट अनुमान से 7,999.58 करोड़ रुपये कम रहा। इस दौरान 11,252.08 करोड़ रुपये का राजस्व अधिशेष दर्ज किया गया। राज्य को 2023-24 में जीएसटी मुआवजे के रूप में 165.63 करोड़ रुपये प्राप्त हुए।
इस बीच, सदन में अनुपूरक बजट पर हंगामा हुआ। भाजपा विधायकों ने कटौती का प्रस्ताव रखा, जिसे विधानसभा अध्यक्ष ने खारिज कर दिया। विपक्षी हंगामे के कारण, विधानसभा अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो ने सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
सोमवार को विधानसभा की कार्यवाही दोपहर 12:30 बजे फिर से शुरू हुई, जिसमें विपक्ष ने सूर्या हांसदा के इनकाउंटर को लेकर हंगामा किया। सत्ता पक्ष के सदस्यों ने भी इस हंगामे में भाग लिया।