पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में भारी बारिश के कारण बाढ़ ने तबाही मचा दी है, जिससे लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन ने अगले दो दिनों तक बारिश जारी रहने का अलर्ट जारी किया है। बाढ़ के खतरे को देखते हुए, पिछले 24 घंटों में लगभग 20,000 लोगों को बाढ़ प्रभावित जिलों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। पंजाब आपातकालीन बचाव सेवा 1122 के प्रवक्ता फारूक अहमद ने बताया कि कसूर, ओकारा, पाकपट्टन, बहावलनगर और वेहारी के कई गांव पानी में डूब गए हैं, जिसके कारण लोगों को निकालकर सुरक्षित जगहों पर ले जाया गया है। जिन क्षेत्रों से शनिवार से अब तक लगभग 20,000 लोगों को निकाला गया है, वे सिंधु, चिनाब, रावी, सतलुज और झेलम नदियों के किनारे स्थित हैं। बारिश के कारण अब तक लगभग 650 से अधिक लोगों की मृत्यु हो चुकी है। सतलुज और रावी नदियों के किनारे बसे इलाकों में हाई अलर्ट जारी किया गया है। अहमद ने कहा कि सतलुज और रावी नदी के किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम पूरा कर लिया गया है। सबसे ज्यादा खतरा सतलुज और रावी नदी के किनारे बसे इलाकों को है। कसूर, ओकारा, पाकपट्टन, बहावलनगर और वहारी जिलों में हाई अलर्ट जारी किया गया है। राहत शिविरों में दवाइयां, टीके और अन्य आवश्यक सामान उपलब्ध कराए गए हैं। लोगों से नदियों के पास न जाने और किसी भी आपात स्थिति में हेल्पलाइन 1129 पर संपर्क करने का आग्रह किया गया है। प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (पीडीएमए) के अनुसार, 27 अगस्त तक मानसून सक्रिय रहने की संभावना के कारण कई जिलों में आपातकालीन अभियान चलाए जा रहे हैं। गंडासिंह वाला में सतलुज नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। गंडासिंह वाला में स्थिति गंभीर है और अगले 48 घंटों तक ऐसी ही रहने की आशंका है। बारिश के कारण लोगों को काफी परेशानी हो रही है, और हजारों लोग बेघर हो गए हैं। प्रशासन राहत शिविरों में सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान कर रहा है। इसके अलावा, गिलगित-बाल्टिस्तान में ग्लेशियर फटने से आई बाढ़ ने भी भारी तबाही मचाई है। बाढ़ के कारण घिजर जिले के तलिदास गांव में लगभग 3,000 से अधिक लोग बेघर हो गए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि 2010 के बाद पाकिस्तान में यह सबसे बड़ा ग्लेशियर हादसा है।
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