नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में घोषणा की कि भारत में निर्मित पहला सेमीकंडक्टर चिप 2025 के अंत तक बाजार में उपलब्ध होगा। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ‘मेक इन इंडिया’ 6जी नेटवर्क पर तेजी से काम कर रही है। प्रधानमंत्री ने ‘द इकोनॉमिक टाइम्स वर्ल्ड लीडर्स फोरम’ में बोलते हुए कहा कि भारत ने पहले सेमीकंडक्टर निर्माण में अवसर गंवाए थे, लेकिन अब स्थिति बदल गई है और देश में सेमीकंडक्टर से जुड़े कारखाने स्थापित किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘इस साल के अंत तक, पहला मेड इन इंडिया चिप बाजार में आ जाएगा। हम मेड इन इंडिया 6जी पर तेजी से काम कर रहे हैं।’।
6जी क्या है?
6जी वायरलेस संचार तकनीक की छठी पीढ़ी है, जो 5जी से आगे की तकनीक है। 5जी ने मोबाइल ब्रॉडबैंड, महत्वपूर्ण सेवाओं और IoT (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) में सुधार किया, जबकि 6जी इसे और बेहतर बनाने पर केंद्रित है। यह 1 Tbps से अधिक डेटा स्पीड और 100 माइक्रोसेकंड तक की कम विलंबता का वादा करता है, जिससे हर चीज निर्बाध रूप से कनेक्ट हो सकेगी।
6जी की मुख्य विशेषताएं
* टेराहर्ट्ज़ (THz) फ़्रीक्वेंसी बैंड
* आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग
* एज कंप्यूटिंग और वितरित नेटवर्क
* बेहतर सुरक्षा और गोपनीयता
* विशाल MIMO (मल्टीपल इनपुट, मल्टीपल आउटपुट) और स्मार्ट बीमफॉर्मिंग
6जी के लाभ
इमर्सिव अनुभव: 6जी डिजिटल सामग्री के अनुभव को बदल देगा, भौतिक और आभासी दुनिया के बीच की रेखाओं को मिटा देगा। होलोग्राफिक संचार और वर्चुअल रियलिटी (VR) और ऑगमेंटेड रियलिटी (AR) जैसी तकनीकों से, आप एक संगीत कार्यक्रम में भाग ले सकते हैं या मीटिंग में शामिल हो सकते हैं, जैसे कि आप वास्तविक दुनिया में हों।
स्मार्ट शहर और बुनियादी ढांचा: 6जी कनेक्टिविटी और कम विलंबता के साथ स्मार्ट शहरों को विकसित करने में मदद करेगा, जिसमें स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट और स्वायत्त वाहन शामिल हैं।
स्वास्थ्य सेवा: 6जी स्वास्थ्य सेवा में क्रांति लाएगा, जिससे दूरस्थ सर्जरी, वास्तविक समय पर मरीजों की निगरानी और व्यक्तिगत दवा संभव हो सकेगी।
भारत 6जी अनुसंधान और विकास में निवेश कर रहा है। दूरसंचार विभाग (DoT) ने 6जी टेक्नोलॉजी इनोवेशन ग्रुप (6जी-टीआईजी) बनाया है जो इस क्षेत्र में भारत का नेतृत्व करेगा।
6जी के सफल संचालन के लिए उचित स्पेक्ट्रम आवंटन आवश्यक है। भारत सरकार 6जी सेवाओं के लिए टेराहर्ट्ज़ (THz) फ़्रीक्वेंसी बैंड की तलाश कर रही है। ये उच्च-फ़्रीक्वेंसी बैंड तेज़ कनेक्टिविटी और अधिक क्षमता प्रदान करते हैं।
6जी के लिए नेटवर्क और बुनियादी ढांचे को अपग्रेड करने की आवश्यकता होगी। टेलीकॉम कंपनियों को छोटे सेल नेटवर्क, एज कंप्यूटिंग और उन्नत एंटीना सिस्टम में निवेश करना होगा। राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन और डिजिटल इंडिया जैसी सरकारी योजनाएं इस अगली पीढ़ी के ढांचे के निर्माण में महत्वपूर्ण होंगी।