अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने करीबी सहयोगी सर्जियो गोर को भारत में अमेरिकी राजदूत नियुक्त करने का फैसला किया है। वर्तमान में, गोर ट्रम्प प्रशासन में हेड ऑफ प्रेसिडेंशियल पर्सनल अपॉइंटमेंट्स का पद संभाल रहे हैं। हालांकि, उन्हें अमेरिकी सीनेट से मंजूरी मिलना अभी बाकी है। जब तक सीनेट मंजूरी नहीं देती, वे अपने वर्तमान पद पर बने रहेंगे।
गोर को ऐसे समय में भारत में अमेरिका का राजदूत नियुक्त किया गया है जब दोनों देशों के बीच टैरिफ को लेकर विवाद चल रहा है। इस वजह से, उनके नाम की घोषणा के बाद से ही उत्सुकता बढ़ गई है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि पहली बार किसी अमेरिकी राजदूत को भारत में विशेष दूत (स्पेशल एन्वॉय) की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है, जो पूरे दक्षिण और मध्य एशिया के लिए होगा। इसका मतलब है कि सर्जियो गोर अब तक के सबसे शक्तिशाली अमेरिकी राजदूत हो सकते हैं।
पूर्व भारतीय विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इस नियुक्ति के पीछे की कुछ महत्वपूर्ण बातें बताई हैं। सिब्बल के अनुसार, गोर की दोहरी भूमिका का अर्थ है कि वे न केवल भारत के साथ, बल्कि पाकिस्तान सहित पूरे पड़ोसी क्षेत्र के साथ अमेरिकी संबंधों की निगरानी करेंगे। इसका मतलब है कि भारत के लिए अमेरिकी नीतियों को अन्य देशों के साथ भी समन्वित किया जाएगा।
सिब्बल ने यह भी कहा कि भारत को यहीं से चिंता शुरू होती है। भारत हमेशा से इस बात का विरोध करता रहा है कि उसे पाकिस्तान के साथ जोड़ा जाए। 2009 में, जब अमेरिकी राजनयिक रिचर्ड होलब्रुक को भारत-पाक मामलों के विशेष दूत के रूप में नियुक्त किया गया था, तो भारत ने इसका विरोध किया था। लेकिन इस बार स्थिति अलग है, क्योंकि यह अतिरिक्त जिम्मेदारी भारत में अमेरिकी राजदूत को ही सौंपी गई है, जिसका विरोध करना मुश्किल होगा। इस दोहरी जिम्मेदारी से इंडो-पैसिफिक फोकस पर असर पड़ सकता है।
सर्जियो गोर का जन्म उज्बेकिस्तान में हुआ था, जो उस समय सोवियत संघ का हिस्सा था। बाद में उनका परिवार माल्टा चला गया। उन्होंने अमेरिका में पढ़ाई की और रिपब्लिकन पार्टी की राजनीति में सक्रिय हो गए। उन्होंने सीनेटर रैंड पॉल के साथ काम किया, धन जुटाया, किताबें प्रकाशित कीं और शौकिया तौर पर शादियों में डीजे भी रहे। ट्रंप के साथ उनकी करीबी काफी पुरानी है। जब तक सीनेट उनकी राजदूत नियुक्ति को मंजूरी नहीं देती, तब तक वह अपने वर्तमान पद पर बने रहेंगे।