भारत की प्रमुख ऑनलाइन गेमिंग कंपनी ज़ुपी ने गुरुवार को अपने पैसे वाले गेम बंद कर दिए। यह फैसला संसद में ऑनलाइन गेमिंग बिल पास होने के बाद लिया गया है, जिसमें पैसे लगाकर खेले जाने वाले गेम्स पर रोक लगाने की बात कही गई है। हालांकि, ज़ुपी के ग्राहक अब भी मुफ्त में लूडो सुप्रीम, लूडो टर्बो, स्नेक्स एंड लैडर्स और ट्रम्प कार्ड मेनिया जैसे गेम खेल सकते हैं।
ज़ुपी, जो गुरुग्राम में स्थित है, भारत में पैसे वाले गेमिंग के बाजार में एक बड़ी कंपनी बनकर उभरी थी। इसे 2019 में दिलशेर सिंह मल्ही और सिद्धांत सौरभ ने शुरू किया था। कंपनी के एक प्रवक्ता ने बताया कि नए ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 के तहत, उन्होंने पैसे वाले गेम बंद कर दिए हैं, लेकिन उनके लोकप्रिय मुफ्त गेम जारी रहेंगे। कंपनी का कहना है कि वह 150 मिलियन से ज्यादा ग्राहकों को मजेदार और सुरक्षित गेमिंग का अनुभव देना जारी रखेगी।
राज्य सभा ने गुरुवार को ‘ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025’ पास कर दिया, जिसका विपक्ष ने विरोध किया। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को लोकसभा में यह बिल पेश किया था, जो ध्वनि मत से पास हो गया। सरकार का कहना है कि इस बिल का मकसद ऑनलाइन सोशल गेम और एस्पोर्ट्स को बढ़ावा देना है।
ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025, वित्तीय नुकसान और लत जैसी समस्याओं को देखते हुए, पैसे वाले गेम्स पर रोक लगाता है। यह ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुए पर भी पूरी तरह से प्रतिबंध लगाता है। अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा में कहा कि ऑनलाइन गेमिंग डिजिटल दुनिया का एक अहम हिस्सा बन गया है। इसमें तीन मुख्य हिस्से हैं: ई-स्पोर्ट्स, जहां टीमें मिलकर खेलती हैं और रणनीति बनाती हैं। सरकार इस बिल के जरिए ई-स्पोर्ट्स को बढ़ावा देगी और इसे कानूनी मान्यता देगी। दूसरा है ऑनलाइन सोशल गेम्स, जैसे कि सॉलिटेयर, शतरंज और सुडोकू। सरकार इन गेम्स को भी बढ़ावा देगी।