संसद की संयुक्त समिति (JPC) को एक विधेयक भेजा गया है, जिसमें गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तार प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों को पद से हटाने का प्रावधान है. पहले इस विधेयक का विरोध करने वाले विपक्षी दल अब इस पर चर्चा के लिए बनने वाली जेपीसी का हिस्सा बनेंगे. आज शाम तक जेपीसी के सदस्यों के नामों की घोषणा होने की संभावना है.
विपक्षी सांसदों ने संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025 सहित तीन विधेयकों का विरोध किया था. गृह मंत्री अमित शाह ने इस पर विस्तृत चर्चा के लिए इसे जेपीसी को भेजने का प्रस्ताव रखा था. लोकसभा और राज्यसभा दोनों ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी.
पहले, विपक्ष ने जेपीसी में शामिल होने का विरोध किया था, यह कहते हुए कि यह एक असंवैधानिक बिल है. हालांकि, अब विपक्षी सांसद जेपीसी में शामिल होंगे. जेपीसी में लोकसभा से 21 और राज्यसभा से 10 सदस्य होंगे. राज्यसभा ने तीन विधेयकों को संयुक्त समिति को भेजने की मंजूरी दी, जिसमें गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तार प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को 30 दिन बाद पद से हटाने का प्रावधान है.
संयुक्त संसदीय समिति संसद के शीतकालीन सत्र में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी, जो नवंबर के तीसरे सप्ताह में शुरू होने की उम्मीद है.