बांग्लादेश के साथ भारत के रिश्ते, पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद से जटिल हो गए हैं। बांग्लादेश ने भारत पर आरोप लगाया है कि शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग के सदस्य भारत से बांग्लादेश विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं। भारत ने इन आरोपों का दृढ़ता से खंडन किया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बांग्लादेश के आरोपों पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि भारत सरकार को अवामी लीग द्वारा भारत में किसी भी बांग्लादेश विरोधी गतिविधि की कोई जानकारी नहीं है। भारत अपनी धरती से किसी भी देश के खिलाफ राजनीतिक गतिविधियों की अनुमति नहीं देता है।
जायसवाल ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के आरोपों को खारिज किया और कहा कि भारत चाहता है कि बांग्लादेश में जल्द ही निष्पक्ष चुनाव हों, जिससे जनता की इच्छा का पता चल सके।
बांग्लादेश सरकार ने नई दिल्ली और कोलकाता में अवामी लीग के सदस्यों द्वारा कार्यालय खोले जाने पर चिंता व्यक्त की थी। उनका कहना था कि ये गतिविधियाँ ‘अच्छे पड़ोसी और विदेश नीति के सिद्धांतों को कमजोर करती हैं।’
शेख हसीना को 5 अगस्त 2024 को एक छात्र आंदोलन के बाद सत्ता से हटा दिया गया था और तब से वे भारत में रह रही हैं। मोहम्मद यूनुस, जो अब अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार हैं, के आने के बाद से भारत और बांग्लादेश के बीच संबंधों में तनाव बढ़ गया है, खासकर जब बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले हुए और उनके घरों और दुकानों को निशाना बनाया गया। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने पिछले साल अक्टूबर में अवामी लीग पर प्रतिबंध लगा दिया था।