लोकसभा में संविधान के 130वें संशोधन पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल के बीच तीखी नोंकझोंक देखने को मिली। वेणुगोपाल की एक टिप्पणी पर शाह ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और उन्हें नैतिकता पर सवाल उठाने के लिए फटकार लगाई।
वेणुगोपाल ने 2010 के सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले का जिक्र करते हुए शाह पर निशाना साधा। उन्होंने सवाल किया कि जब शाह गुजरात के गृह मंत्री थे तब क्या उन्हें गिरफ्तार किया गया था और क्या उन्होंने नैतिकता का पालन किया था। इसके बाद सदन में शोरगुल मच गया।
अमित शाह ने इसका जवाब देते हुए कहा कि वह जेल भी गए थे, लेकिन उन्होंने किसी भी पद पर रहते हुए ऐसा नहीं किया।
संविधान का 130वां संशोधन मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और प्रधानमंत्री सहित सभी को कानून के दायरे में लाने का प्रावधान करता है। यह मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों को गिरफ्तारी या हिरासत की स्थिति में हटाने का प्रावधान भी करता है। इसके अतिरिक्त, यदि कोई मंत्री 30 दिनों से अधिक समय तक न्यायिक हिरासत में रहता है तो उसका पद चला जाएगा। यह संशोधन राजनीति में अपराध को नियंत्रित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यदि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्रिमंडल का कोई सदस्य किसी अपराध में गिरफ्तार होने के एक महीने के भीतर जमानत हासिल नहीं कर पाता है, तो उसे इस्तीफा देना होगा।