बुधवार को लोकसभा ने ऑनलाइन गेमिंग (संवर्धन और विनियमन) विधेयक, 2025 पारित किया, जो भारत के तेजी से बढ़ते ऑनलाइन गेमिंग उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इस बिल का लक्ष्य ई-स्पोर्ट्स और शैक्षिक गेमिंग को बढ़ावा देना और वास्तविक पैसे वाले गेमिंग पर प्रतिबंध लगाना है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा पेश किए गए इस बिल में दो मुख्य उद्देश्य हैं: ई-स्पोर्ट्स और सामाजिक/शैक्षिक गेमिंग को प्रोत्साहित करना, और वास्तविक पैसे वाले गेमिंग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना, चाहे वह कौशल पर आधारित हो या भाग्य पर।
यह नया कानून गेमिंग प्लेटफॉर्म, वित्तीय भुगतान प्रणालियों, विज्ञापनदाताओं और उपयोगकर्ताओं सहित कई क्षेत्रों में परिवर्तन लाएगा।
बिल के मुख्य उद्देश्य
बिल का उद्देश्य एक राष्ट्रीय नियामक ढांचा स्थापित करना है, जिसके चार मुख्य लक्ष्य हैं:
-ईस्पोर्ट्स और सामाजिक या शैक्षिक गेमिंग को बढ़ावा देना।
-डिजिटल गेमिंग प्लेटफॉर्म के लिए नियम बनाना और वैध खेलों को मान्यता देना।
-रियल-मनी गेमिंग, विज्ञापन और भुगतान सहित सभी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाना।
-युवाओं और कमजोर लोगों को रियल-मनी गेमिंग से जुड़े वित्तीय, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक जोखिमों से बचाना।
बिल में प्रमुख परिभाषाएँ
ऑनलाइन गेम: इंटरनेट या इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के माध्यम से खेले जाने वाले डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक गेम।
ऑनलाइन मनी गेम: ऐसा गेम जिसमें खिलाड़ी पैसे जीतने के लिए धन लगाते हैं, चाहे वह कौशल या भाग्य पर आधारित हो।
ई-स्पोर्ट्स: कौशल पर आधारित प्रतिस्पर्धी डिजिटल गेम, बिना किसी मौद्रिक दांव के खेले जाते हैं।
सामाजिक गेम: मनोरंजन, सीखने या मनोरंजन के लिए डिज़ाइन किए गए गेम, जिसमें कोई सट्टेबाजी शामिल नहीं है।
ध्यान दें: ई-स्पोर्ट्स और सामाजिक खेलों को इस प्रतिबंध से छूट दी गई है, और बिल उनके विकास का समर्थन करता है।
बिल के तहत प्रतिबंधित गतिविधियाँ
-रियल-मनी ऑनलाइन गेमिंग प्रदान करना या सक्षम करना।
-रियल-मनी गेम का विज्ञापन या प्रचार करना, जिसमें प्रभावशाली व्यक्ति भी शामिल हैं।
-ऑनलाइन मनी गेम के लिए पैसे का हस्तांतरण, जिसमें बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान शामिल हैं।
उल्लंघन के लिए दंड
-उल्लंघन करने वालों को 3 साल तक की जेल हो सकती है।
-बार-बार उल्लंघन के लिए 2 करोड़ रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
-अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती हैं, जिसका अर्थ है कि अधिकारियों को बिना वारंट के गिरफ्तार करने का अधिकार है।
अधिकारियों की शक्तियाँ: खोज, जब्ती और निगरानी
बिल अधिकारियों को व्यापक शक्तियाँ देता है:
-बिना वारंट के खोज और गिरफ्तारी।
-भौतिक और डिजिटल स्थानों तक पहुंच, जिसमें डिवाइस, सर्वर और वर्चुअल प्लेटफॉर्म शामिल हैं।
-आईटी अधिनियम, धारा 69ए के तहत प्रतिबंध का उल्लंघन करने वाले प्लेटफॉर्म पर सामग्री को ब्लॉक करना।
क्या अनुमति है और क्या समर्थित है?
बिल रियल-मनी गेमिंग पर प्रतिबंध लगाता है, लेकिन अन्य क्षेत्रों को बढ़ावा देता है:
ई-स्पोर्ट्स: पारंपरिक खेलों की तरह आधिकारिक मान्यता और समर्थन मिलेगा, जिसमें प्रशिक्षण केंद्र और प्रोत्साहन कार्यक्रम शामिल हैं।
शैक्षिक और सामाजिक खेल: सीखने, कौशल विकास और मनोरंजन के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, बशर्ते कोई वास्तविक धन शामिल न हो।
बिल की आवश्यकता को समझना
भारत में ऑनलाइन गेमिंग उद्योग तेजी से बढ़ रहा है, जिसमें 400 मिलियन से अधिक उपयोगकर्ता हैं। सरकार को बढ़ती लत, वित्तीय नुकसान और संभावित आपराधिक गतिविधियों के बारे में चिंता है।
इस बिल का उद्देश्य नागरिकों की रक्षा करना है, क्योंकि सरकार का मानना है कि केवल नियमन पर्याप्त नहीं है।
आगे क्या होगा
बिल को संसद के दोनों सदनों से पारित होना होगा। कानून बनने के बाद, यह मौजूदा राज्य-स्तरीय विनियमों का स्थान लेगा और घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों प्लेटफार्मों पर लागू होगा। इस बिल को कानूनी चुनौतियों का भी सामना करना पड़ सकता है।