झारखंड शराब घोटाले में फंसे IAS अधिकारी विनय कुमार चौबे को ACB कोर्ट ने जमानत दे दी है। इस मामले में लगभग 100 करोड़ रुपये का घोटाला होने का अनुमान है, जिससे राज्य सरकार को 38 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। अधिकारियों ने बताया कि 90 दिनों के भीतर चार्जशीट दाखिल न होने के कारण डिफॉल्ट बेल मिली। अदालत ने चौबे को बिना अनुमति राज्य छोड़ने और मोबाइल नंबर बदलने से मना किया है, साथ ही जमानत के लिए शर्तें भी लगाई हैं।
1999 बैच के IAS अधिकारी विनय कुमार चौबे को 20 मई को पूछताछ के लिए बुलाया गया था, जिसके बाद उन्हें जेल भेजा गया। झारखंड में 2022 में लागू हुई नई शराब नीति से राजस्व में वृद्धि की उम्मीद थी, लेकिन नुकसान हुआ। पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया पर सरकार पर आरोप लगाया कि जानबूझकर चार्जशीट दाखिल नहीं की गई, ताकि ईडी की जांच को प्रभावित किया जा सके। उन्होंने ईडी से भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।