म्यांमार की सैन्य सरकार ने 28 दिसंबर को आम चुनाव कराने की घोषणा की है, जो लगभग पांच वर्षों में पहली बार होंगे। हालांकि, इन चुनावों को स्वतंत्र और निष्पक्ष कराने पर संदेह है। चुनाव आयोग ने बताया कि मतदान चरणबद्ध तरीके से आयोजित किए जाएंगे। करीब 55 राजनीतिक दलों ने चुनाव के लिए पंजीकरण कराया है, जिनमें से 9 पार्टियां देशभर में चुनाव लड़ेंगी। कई सैन्य-विरोधी विपक्षी समूहों को चुनाव लड़ने से रोका गया है या उन्होंने इसमें भाग लेने से इनकार कर दिया है। पश्चिमी देशों ने इन चुनावों को सैन्य शासन को मजबूत करने का प्रयास बताया है। पूर्व प्रधानमंत्री आंग सान सू की नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी सहित विपक्षी दलों ने इन चुनावों का बहिष्कार करने का फैसला किया है, उनका मानना है कि यह सैन्य शासन की सत्ता को मजबूत करने का दिखावा है। म्यांमार में आखिरी चुनाव नवंबर 2020 में हुए थे, जिसके बाद सेना ने तख्तापलट कर आंग सान सू को गिरफ्तार कर लिया और आपातकाल लगा दिया। तब से म्यांमार गृहयुद्ध से जूझ रहा है, जिसमें कई विद्रोही समूह शामिल हैं।
Trending
- शूजित सरकार: अभिषेक बच्चन की जीत पर मेरा दिल खुशी से भर गया
- 50,000 रुपये में Apple का नया MacBook: iPhone चिपसेट के साथ!
- रिंकू सिंह का यूपी टी20 लीग में जलवा, पहली गेंद पर ही लिया विकेट, एशिया कप के लिए चयनकर्ताओं को दिया संकेत
- फास्टैग वार्षिक पास को कैसे सक्रिय करें: आसान गाइड
- कमीशन के भुगतान की मांग को लेकर पीडीएस दुकानदारों का विरोध, 1432 दुकानें होंगी बंद
- बिलासपुर में धर्मांतरण का खेल: पादरी समेत दो गिरफ्तार
- तेलंगाना पुलिस की लापरवाही: सड़क दुर्घटना में मृत व्यक्ति को ठेले पर ले गए
- पुतिन और मोदी के बीच बातचीत: ट्रंप के साथ अलास्का मीटिंग पर चर्चा