चीनी विदेश मंत्री वांग यी भारत की यात्रा पर हैं, जिसका मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच सीमा पर शांति और स्थिरता स्थापित करने के उपायों पर चर्चा करना है। यह दौरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन यात्रा से पहले हो रहा है, जिसे संबंधों को सामान्य करने के प्रयासों के रूप में देखा जा रहा है।
2020 में गलवान घाटी में हुए संघर्ष के बाद भारत और चीन के रिश्तों में तनाव पैदा हो गया था। हालांकि, दोनों देशों ने विवादित क्षेत्रों से सैनिकों को हटा लिया है, लेकिन स्थिति अभी भी नाजुक बनी हुई है। फिलहाल, पूर्वी लद्दाख में LAC पर दोनों देशों के हजारों सैनिक तैनात हैं।
इस यात्रा के दौरान, भारत-अमेरिका संबंधों में बढ़ते तनाव के बीच व्यापार पर भी चर्चा हो सकती है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारतीय सामानों पर टैरिफ बढ़ा दिया है। वांग यी और भारतीय अधिकारियों के बीच भारत-चीन व्यापार पर भी बातचीत होने की संभावना है।
चीनी विदेश मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ सीमा मुद्दों पर विशेष बातचीत करेंगे। डोभाल और वांग सीमा वार्ता के लिए विशेष प्रतिनिधि भी हैं।
वांग यी सोमवार को नई दिल्ली पहुंचे और विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की। मंगलवार को उन्होंने NSA अजीत डोभाल के साथ बातचीत की। इन बैठकों में सीमा की स्थिति, व्यापार और उड़ान सेवाओं की बहाली सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई। बाद में उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से भी मुलाकात की।
प्रधानमंत्री मोदी 31 अगस्त को चीन जाने वाले हैं, जहां वे शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में भाग लेंगे। यह मोदी की 2018 के बाद पहली चीन यात्रा होगी।