मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बिहार में पूर्व-चुनाव मतदाता सूची की विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) प्रक्रिया के दौरान विपक्ष द्वारा लगाए गए ‘वोट चोरी’ के आरोपों को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग या मतदाता इस तरह के ‘आधारहीन’ आरोपों से डरे नहीं हैं। यह बयान एसआईआर प्रक्रिया पूरी होने के बाद आयोग की पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में आया।
विपक्षी दलों ने बिहार में एसआईआर प्रक्रिया और 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान वोट में धांधली के आरोप लगाए थे। ज्ञानेश कुमार ने कहा कि हाल ही में कुछ लोगों ने दोहरे मतदान की शिकायत की, लेकिन सबूत मांगने पर कोई ठोस सबूत नहीं दे पाए।
सीईसी ने कहा, ‘कुछ मतदाताओं ने दोहरे मतदान का आरोप लगाया। सबूत मांगने पर कोई जवाब नहीं मिला। ऐसी झूठी शिकायतों से चुनाव आयोग या कोई भी मतदाता डरता नहीं है।’ उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग बिना किसी भेदभाव के समाज के हर वर्ग के साथ ‘चट्टान की तरह’ खड़ा है।
उन्होंने कहा, ‘जब चुनाव आयोग को निशाना बनाकर राजनीति की जा रही है, तो चुनाव आयोग यह स्पष्ट करना चाहता है कि वह सभी मतदाताओं के साथ निडर होकर खड़ा है, चाहे वे किसी भी वर्ग, धर्म या पृष्ठभूमि से हों।’ उन्होंने कहा कि ईसीआई किसी भी पार्टी का नहीं है और अपने ‘संवैधानिक कर्तव्य’ से पीछे नहीं हटेगा। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग की नजर में कोई भेदभाव नहीं है और सभी राजनीतिक दल समान हैं।
कुमार ने कहा कि हर 18 साल या उससे अधिक उम्र के व्यक्ति को वोट देना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘भारत के संविधान के अनुसार, 18 साल की उम्र का प्रत्येक नागरिक मतदाता होना चाहिए और उसे वोट भी देना चाहिए। हर राजनीतिक दल चुनाव आयोग के साथ पंजीकरण के जरिए बनता है, तो चुनाव आयोग भेदभाव कैसे कर सकता है?’
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने ईसीआई पर मतदाता धोखाधड़ी में शामिल होने का आरोप लगाया था। उन्होंने आरोप लगाया कि इसका मकसद भाजपा को फायदा पहुंचाना था। राहुल गांधी ने कहा, ‘वोट चुराए जा रहे हैं। हमारे पास सबूत हैं कि चुनाव आयोग इसमें शामिल है। और मैं यह हल्के में नहीं कह रहा हूं, मैं 100% सबूत के साथ बोल रहा हूं।’ उन्होंने कहा कि जब वे सबूत जारी करेंगे तो पूरा देश जान जाएगा।
बाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, राहुल गांधी ने कर्नाटक में महादेवपुरा विधानसभा में मतदान पर कांग्रेस का शोध पेश किया, जिसमें 1,00,250 वोटों की ‘वोट चोरी’ का आरोप लगाया गया। उन्होंने भाजपा और चुनाव आयोग पर हमला किया और कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को तीसरा कार्यकाल दिलाने के लिए चुनाव निकाय और भाजपा के बीच मिलीभगत हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि 2024 के चुनाव ‘कोरियाग्राफ’ थे। भाजपा 2024 के लोकसभा चुनाव में बहुमत हासिल करने में विफल रही, लेकिन एनडीए ने सरकार बनाई।