जीएसटी में प्रस्तावित नए सुधारों से छोटी कारों और मोटरसाइकिलों के खरीदारों को राहत मिलने की उम्मीद है। सरकार छोटी और बड़ी कारों के लिए टैक्स दरों में अंतर करने पर विचार कर रही है। सूत्रों के अनुसार, छोटी कारें, जिन पर अभी 28% जीएसटी और 1-3% मामूली सेस लगता है, नई व्यवस्था में 18% के स्लैब में आ सकती हैं। अगर 28% की दर वाले स्लैब को हटाया जाता है, तो बड़ी लग्जरी कारों और एसयूवी पर 40% से भी ज्यादा का टैक्स लगाया जा सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि छोटी कारें लग्जरी वस्तुएं नहीं हैं। बाइक खरीदने वालों को भी इस प्रस्तावित बदलाव से फायदा होने की उम्मीद है।
टैक्स में संभावित बदलाव इस प्रकार हैं: छोटी कारों, जैसे एंट्री लेवल हैचबैक, छोटी सेडान और मिनी-एसयूवी, पर वर्तमान में 28% जीएसटी के साथ 1-3% सेस लगता है। उदाहरण के लिए, 1200 सीसी तक की इंजन क्षमता और 4 मीटर से कम लंबाई वाली छोटी कारों पर 28% टैक्स स्लैब लागू होता है, जिस पर 1% (पेट्रोल) और 3% (डीजल) सेस लगता है। इसे 18% करने का प्रस्ताव है।
मध्यम आकार की कारों पर भी कर की दर में थोड़ी कमी आने की संभावना है, क्योंकि नई जीएसटी प्रणाली में अधिकतम दर 40% प्रस्तावित है। वर्तमान में, 1200 सीसी (पेट्रोल) या 1500 सीसी (डीजल) से अधिक इंजन क्षमता वाली मध्यम आकार की कारों पर 28% जीएसटी के अलावा 15% सेस लगता है, जिसका मतलब है कि कुल टैक्स 43% है। इसे घटाकर 40% करने की संभावना है।
1500 सीसी से अधिक इंजन क्षमता वाली लग्जरी कारें और बड़ी इंजन क्षमता तथा 4 मीटर से अधिक लंबाई वाली एसयूवी, जिन पर वर्तमान में 28% जीएसटी के अतिरिक्त 20 से 22% सेस लगता है, पर टैक्स की दर को मौजूदा समय के समान बनाए रखने के लिए अतिरिक्त शुल्क लगाया जा सकता है।
बाइक खरीदारों के लिए लाभ: एंट्री लेवल की मोटरसाइकिलों को भी लाभ होने की उम्मीद है। 350 सीसी बाइक पर फिलहाल 28% जीएसटी लगता है, जिसे घटाकर 18% किया जा सकता है, जबकि 350 सीसी से ज्यादा वाली बाइक पर 40% जीएसटी लग सकता है। फिलहाल, 350 सीसी से ज्यादा इंजन क्षमता वाली बाइक पर 28% जीएसटी के साथ 3% सेस लगता है, जिससे कुल टैक्स 31% हो जाता है।