अक्षरधाम मंदिर के महंत स्वामी महाराज ने जन्माष्टमी के अवसर पर भगवान कृष्ण को याद करते हुए कहा कि भगवान समय-समय पर धर्म की स्थापना के लिए धरती पर अवतार लेते हैं। उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण का जीवन और शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक हैं। स्वामी महाराज ने कहा कि भगवान कृष्ण भक्तवत्सल थे, जिन्होंने अर्जुन का रथ चलाया, द्रौपदी की लाज बचाई और सुदामा के साथ मित्रता निभाई। उन्होंने भगवद्गीता को भगवान कृष्ण की सबसे बड़ी देन बताया और कहा कि इसके उपदेशों को जीवन में उतारना ही जन्माष्टमी मनाने का सही तरीका है। स्वामी महाराज ने भक्तों से भगवद्गीता के ज्ञान को समझने और उसे अपने जीवन में लागू करने का आग्रह किया।
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