डोनाल्ड ट्रम्प को सौदेबाजी का उस्ताद माना जाता है। उन्होंने हाल ही में कई महत्वपूर्ण सौदे किए हैं, जो अमेरिका के लिए फायदेमंद रहे हैं। अलास्का में ट्रम्प और पुतिन के बीच बातचीत चल रही है, जिसका लक्ष्य यूक्रेन में युद्ध को समाप्त करना है। हालाँकि, रूस को युद्ध रोकने की कोई जल्दी नहीं है। रूस का मुख्य उद्देश्य उन क्षेत्रों को मान्यता दिलाना है, जिन पर उसने पिछले तीन वर्षों में युद्ध के दौरान कब्ज़ा किया है। रॉयल यूनाइटेड सर्विसेज इंस्टीट्यूट थिंक टैंक के अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा फेलो, सैमुअल रमानी ने बताया कि अमेरिका के साथ बातचीत में रूस का पलड़ा भारी है। उनके अनुसार, पिछले चार महीनों में रूस के यूक्रेन पर हमलों के कारण कुछ क्षेत्रीय प्रगति हुई है और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की की अनुपस्थिति उन्हें ‘कमजोर’ बनाती है। रूसी विदेश मामलों के विशेषज्ञ व्लादिमीर सोतनिकोव का मानना है कि राष्ट्रपति पुतिन इस बैठक में यूक्रेन में रूस द्वारा कब्जा किए गए क्षेत्रों को मान्यता दिलाने की कोशिश करेंगे। सोतनिकोव के अनुसार, पुतिन केवल तभी युद्धविराम के लिए सहमत होंगे जब उनकी शर्तें पूरी होंगी। जानकारों का कहना है कि पुतिन को युद्ध समाप्त करने की कोई जल्दी नहीं है, जबकि यूक्रेन को इसकी सख्त जरूरत है क्योंकि वह न केवल अपने क्षेत्र खो रहा है, बल्कि अमेरिकी हथियारों की आपूर्ति के भविष्य को लेकर भी अनिश्चित है। ट्रम्प युद्धविराम कराने के लिए उत्सुक हैं, क्योंकि उन्हें नोबेल पुरस्कार जीतने की इच्छा है। अगर वह गाजा और यूक्रेन में युद्धविराम कराने में सफल हो जाते हैं, तो उनकी दावेदारी मजबूत हो जाएगी। कई विशेषज्ञों का मानना है कि वह पुतिन की शर्तों को मानने के लिए यूक्रेन पर दबाव डाल सकते हैं। सोतनिकोव ने कहा, ‘राष्ट्रपति ट्रम्प शायद रूसी राष्ट्रपति को युद्धविराम के लिए राजी कर लेंगे। यह भी संभव है कि पुतिन रूसी लक्ष्यों की पूर्ति की शर्त रखें।’
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