भागलपुर, बिहार में बाढ़ ने विनाश मचाया है, जिससे निचले इलाके बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। घरों में पानी अभी भी जमा है, और लोग छतों पर प्लास्टिक और तिरपाल से बने अस्थायी आश्रयों में रहने के लिए मजबूर हैं। वे अपने जानवरों को भी उन्हीं आश्रयों में रखते हैं। कई लोग बाढ़ के पानी में छाती तक डूबकर आने-जाने के लिए मजबूर हैं।
बाढ़ के कारण लोगों का जीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। भोजन, रहने की जगह, सोने और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। लोगों को अपने जानवरों के साथ रहना पड़ रहा है, और वे उन्हीं के साथ खाते और सोते हैं। कई बार मवेशी भोजन को जूठा कर देते हैं, जिससे पीड़ितों को उनका जूठा खाना पड़ता है।