कटिहार, बिहार में गंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जिससे बाढ़ का गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है। भारी वर्षा के कारण, मनिहारी अनुमंडल के राज बघार पंचायत के मेदनीपुर गांव में स्थिति सबसे खराब है। घरों के डूब जाने के कारण, लोग रात गुजारने के लिए रबड़ की ट्यूबों का उपयोग करने को मजबूर हैं।
गांव के निवासी डूबे हुए स्कूल की ऊपरी मंजिलों पर शरण लिए हुए हैं, जबकि आसपास की 16 पंचायतें भी बाढ़ के पानी में डूब गई हैं। गांव से बाहर निकलने का एकमात्र साधन एक नाव है, जिस पर सैकड़ों लोग यात्रा कर रहे हैं। प्रभावित लोग सरकार से सहायता की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन उन्हें अभी तक कोई मदद नहीं मिली है।
बाढ़ पीड़ितों को भोजन, आश्रय और स्वच्छता सुविधाओं की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। जानवर भी पानी में फंसे हुए हैं और उनके लिए भोजन उपलब्ध नहीं है। मुखिया पिंटू कुमार यादव ने सरकार से तत्काल सामुदायिक रसोई और सूखे राशन की व्यवस्था करने का आग्रह किया है, जबकि उन्होंने स्थानीय प्रशासन पर राहत प्रयासों में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। राज बघार पंचायत के सभी 16 गांव पूरी तरह से जलमग्न हैं, जहां पशुधन के लिए चारे और लोगों के लिए भोजन का अभाव है। बाढ़ ने गांव वालों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है, और वे सरकारी सहायता का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।