सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद, एमसीडी दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र से सभी आवारा कुत्तों को हटाने और उन्हें शेल्टर होम में रखने की योजना बना रही है। इस योजना में भारी खर्च का अनुमान है, जो प्रतिदिन लगभग 11 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। यह खर्च कुत्तों के भोजन, परिवहन, चिकित्सा देखभाल और कर्मचारियों पर आएगा, जिससे एमसीडी पहले से ही वित्तीय संकट में है। प्रति कुत्ते पर अनुमानित लागत ₹110 प्रतिदिन होगी। एमसीडी औपचारिक आदेश का इंतजार कर रही है, लेकिन खर्चों का आकलन करने के लिए शुरुआती बैठकें हो चुकी हैं। एमसीडी उन कुत्तों को प्राथमिकता देगी जो काटने की घटनाओं में शामिल हैं या बीमार हैं। वर्तमान में, एमसीडी प्रतिदिन 350 से अधिक कुत्तों की नसबंदी करती है, जिसमें प्रति कुत्ते लगभग ₹1,000 का खर्च आता है। एमसीडी कुत्तों की गिनती और देखभाल के लिए माइक्रोचिपिंग प्रक्रिया पर भी विचार कर रही है। एमसीडी घोघा डेयरी में एक बड़ा शेल्टर होम बनाने की योजना बना रही है, लेकिन यह सब अदालती आदेश पर निर्भर करेगा। अधिकारियों का कहना है कि सभी कुत्तों को स्थानांतरित करना एक बड़ी चुनौती होगी।
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