पटना: बिहार सरकार शहरी सड़कों को डिजिटल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। नगर विकास एवं आवास विभाग ने राज्य के शहरी क्षेत्रों में सड़कों का व्यवस्थित रिकॉर्ड बनाने के लिए एक योजना शुरू की है। सभी नगर निगमों, नगर परिषदों और नगर पंचायतों को 20 अगस्त 2025 तक अपनी सड़कों की विस्तृत मैपिंग कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है। सड़कों को निर्माण एजेंसी के आधार पर अलग-अलग रंगों से चिह्नित किया जाएगा। राष्ट्रीय राजमार्ग लाल, राज्य राजमार्ग हरे, ग्रामीण कार्य विभाग की सड़कें काली, नगर निकाय की सड़कें पीली, जिला परिषद की सड़कें नीली-गुलाबी, स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन की सड़कें नीली और अन्य विभागों की सड़कें बैंगनी रंग से दर्शाई जाएंगी। नगर निकायों को सड़कों की लंबाई, चौड़ाई, निर्माण तिथि, प्राक्कलित लागत और वर्तमान स्थिति सहित विस्तृत जानकारी एक निर्धारित प्रपत्र में जमा करनी होगी। इस डिजिटल रिकॉर्ड से सड़कों का रखरखाव आसान हो जाएगा और भविष्य की शहरी योजनाओं को गति मिलेगी। विभाग ने सभी मुख्य अभियंता और अधीक्षण अभियंताओं को इस निर्देश की प्रति भेजी है ताकि त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके। यह कदम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा ‘मुख्यमंत्री विद्युत उपभोक्ता सहायता योजना’ के तहत 16 लाख से अधिक बिजली उपभोक्ताओं से डिजिटल संवाद करने के बाद आया है। इस योजना में 1.89 करोड़ घरेलू उपभोक्ताओं को 125 यूनिट मुफ्त बिजली दी जा रही है, जिससे शहरी और ग्रामीण परिवारों को बचत हो रही है। नगर विकास विभाग का यह निर्देश बिहार के शहरी क्षेत्रों में सड़क नेटवर्क को व्यवस्थित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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