कनाडा में भारतीय नागरिकों की मौत की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। सरकार ने संसद में बताया कि पिछले पांच वर्षों में कनाडा में 1000 से अधिक भारतीय नागरिकों की मौत हुई है। इनमें से अधिकतर मौतें वृद्धावस्था या बीमारी जैसी प्राकृतिक वजहों से हुई हैं।
सरकार ने बताया कि इस दौरान विदेश मंत्रालय की मदद से 757 भारतीयों के पार्थिव अवशेष और अस्थियां कनाडा से भारत सफलतापूर्वक वापस लाई गईं। विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब के जरिए यह जानकारी दी।
विदेश मंत्रालय से पिछले पांच वर्षों में कनाडा में मरने वाले भारतीयों की मौतों के कारणों के बारे में सवाल किया गया था। जवाब में विदेश राज्य मंत्री ने कहा कि मंत्रालय के पास मौजूद जानकारी के मुताबिक, 2020 से 2024 तक कनाडा में कुल 1,203 भारतीय नागरिकों की मौत हुई है। उन्होंने बताया कि ज्यादातर मौतें बुढ़ापे या चिकित्सीय बीमारियों जैसे प्राकृतिक कारणों से हुईं। मंत्री ने यह भी कहा कि दुर्घटनाओं, हिंसा, आत्महत्या और हत्या जैसे अप्राकृतिक कारणों से भी मौतें हुई हैं।
मंत्री ने अपने जवाब में इन पांच सालों में हर साल हुई मौतों का आंकड़ा देते हुए बताया कि 2020 में 120 मौतें, 2021 में 160, 2022 में 198, 2023 में 336 और 2024 में 389 लोगों की मौतें हुईं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार भारतीय नागरिकों के शवों को वापस लाने से जुड़े मुद्दों को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है और इसे सफल बनाने की कोशिश करती है।
सिंह ने कहा कि विदेश मंत्रालय के पास संकट में फंसे भारतीय नागरिकों की सहायता के लिए एक तय प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया के तहत, विदेश में मौजूद भारतीय नागरिकों की मुश्किल के समय सभी भारतीय दूतावास और केंद्र सरकार मिलकर काम करती है। मंत्री ने कहा कि इसमें मौत, अंतिम संस्कार, पार्थिव शरीर को भारत वापस भेजना और बीमा या मुआवजे के दावों का निपटारा जैसे मामले शामिल हैं।