इजराइल के साथ 12 दिन की जंग में, ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई के कई करीबी नेताओं की हत्या हो गई, जिनमें जनरल वाघेरी, अली शादमानी और मेजर जनरल हुसैन सलामी जैसे प्रमुख नाम शामिल थे। ईरानी मीडिया के अनुसार, इजराइल ने इस जंग में 8 शीर्ष कमांडरों को मार गिराया।
इन कमांडरों की हत्या के बाद, तेहरान में सवाल उठा कि खामेनेई अब किसे अपने करीब लाएंगे। गुरुवार (7 अगस्त) को अली खामेनेई ने एक सूची जारी कर इन चर्चाओं को शांत कर दिया।
ईरान में सत्ता का केंद्र नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल है, जो सभी महत्वपूर्ण निर्णय लेती है। सुप्रीम लीडर, सुरक्षा परिषद के फैसलों पर अपनी मुहर लगाते हैं। ईरान ने युद्ध के बाद सुरक्षा परिषद का पुनर्गठन किया है।
अली खामेनेई ने सुरक्षा परिषद में तीन प्रतिनिधियों को नियुक्त किया है, जिन्हें खामेनेई का सबसे करीबी माना जाता है।
सुप्रीम लीडर खामेनेई ने अली लारीजानी, अली शमखानी और अहमदीन को अपना प्रतिनिधि नियुक्त किया है। ये तीनों सुरक्षा परिषद की बैठकों में मतदान करेंगे और सुप्रीम लीडर का पक्ष रखेंगे।
**अली लारीजानी:** पहले भी सुरक्षा परिषद के प्रतिनिधि रहे हैं और 2005-2007 तक परिषद के सचिव भी थे। लारीजानी को कट्टरपंथी माना जाता है और खामेनेई के करीबी हैं।
**अली शमखानी:** इजराइल से जंग के दौरान शमखानी पर भी हमला हुआ था। हालांकि, उन्होंने एक वीडियो जारी कर अपनी फिटनेस की बात कही। शमखानी एक सुधारवादी के रूप में जाने जाते हैं और पहले सुरक्षा परिषद के सचिव और ईरान के रक्षा मंत्री रह चुके हैं।
**अहमदीन:** वर्तमान में सुरक्षा परिषद के सचिव हैं और खामेनेई के करीबी रहे हैं। वे पर्दे के पीछे से मामलों को संभालते रहे हैं। ईरान-इराक युद्ध में, वे रिवोल्यूशनरी गार्ड के डिप्टी कमांडर थे, जिनके पास युद्ध और रक्षा का व्यापक अनुभव है।