ऑपरेशन सिंदूर के बाद, भारत की मित्र सूची में महत्वपूर्ण बदलाव आया है। अमेरिका जो पहले शीर्ष पर था, अब नीचे आ गया है, जबकि रूस शीर्ष पर पहुंच गया है। चीन भी भारत के लिए महत्वपूर्ण होता जा रहा है, हालांकि सावधानी बरती जा रही है। रूस हमेशा भारत का वफादार सहयोगी रहा है, और ऑपरेशन सिंदूर में रूसी हथियारों ने पाकिस्तान को मात देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में भारत और अमेरिका के रिश्तों में तनाव देखा गया। ट्रंप ने भारत को रूस से तेल खरीदने से रोकने की कोशिश की, लेकिन रूस ने भारत का समर्थन किया। भारत अब चीन के साथ अपने संबंधों को मजबूत कर रहा है, और दोनों देशों के बीच उच्च-स्तरीय यात्राएं हो रही हैं। प्रधानमंत्री मोदी भी जल्द ही चीन का दौरा करने वाले हैं। हालांकि, भारत चीन के साथ सावधानी बरत रहा है, क्योंकि चीन पर पूरी तरह से भरोसा नहीं किया जा सकता है। भारत ने ऑपरेशन सिंदूर में चीन की भूमिका को भी उजागर किया, जो दर्शाता है कि भारत, चीन के साथ अपने संबंधों को कितना भी बेहतर कर ले, चीन हमेशा भरोसेमंद नहीं रहा है।