झारखंड के प्रमुख नेता और झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक शिबू सोरेन के निधन के बाद, उनके लिए भारत रत्न की मांग उठ रही है। मंत्री इरफान अंसारी ने राष्ट्रपति से उन्हें यह सम्मान देने का आग्रह किया है, यह कहते हुए कि वे एक क्रांतिकारी थे और गरीबों की आवाज थे।
शिबू सोरेन लंबे समय से बीमार थे और दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती थे, जहां उनकी हालत सुधारने के प्रयास किए गए, लेकिन 81 वर्ष की आयु में उन्होंने अंतिम सांस ली।
सांसद पप्पू यादव ने भी शिबू सोरेन को ‘भारत रत्न’ देने की मांग की और उन्हें मानवता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि वे शोषितों और वंचितों की आवाज थे।
मंत्री इरफान अंसारी ने कहा कि दिशोम गुरु की कमी कभी पूरी नहीं हो सकती।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. अंसारी ने कहा कि शिबू सोरेन एक राजनेता ही नहीं, बल्कि एक आंदोलनकारी, जननायक और आदिवासियों के अधिकारों की आवाज थे। उन्होंने जल, जंगल और जमीन के लिए लड़ाई लड़ी, आदिवासी समाज को संगठित किया और झारखंड राज्य के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने भी शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि दी और कहा कि झारखंड के लिए यह अपूरणीय क्षति है।
शिबू सोरेन झारखंड के तीन बार मुख्यमंत्री रहे और उन्हें दिशोम गुरु की उपाधि मिली। उन्होंने आदिवासियों के लिए कई कदम उठाए और झारखंड राज्य के गठन का सपना पूरा किया।