भारत स्वच्छ परिवहन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है, जिसमें एक नई रेट्रोफिट प्रणाली का विकास किया गया है। यह प्रणाली मौजूदा डीजल इंजनों को 90% हाइड्रोजन पर चलाने में सक्षम बनाती है। UNSW के शोधकर्ताओं द्वारा विकसित, यह तकनीक उत्सर्जन को कम करने और दक्षता में वृद्धि करने का वादा करती है। यह प्रणाली डीजल इंजेक्शन प्रणाली को बदल देती है और हाइड्रोजन को सीधे इंजन में इंजेक्ट करती है, जिससे ईंधन इंजेक्शन टाइमिंग का स्वतंत्र नियंत्रण मिलता है। इसका एक बड़ा फायदा है कि यह कम गुणवत्ता वाले हाइड्रोजन का कुशलता से उपयोग कर सकता है। अभिनव स्तरित हाइड्रोजन इंजेक्शन तकनीक नाइट्रस ऑक्साइड उत्सर्जन को कम करती है, जिससे यह पर्यावरण के अनुकूल विकल्प बनता है। सरकार हाइड्रोजन बुनियादी ढांचे की स्थापना पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जिससे ये रेट्रोफिट किट आम हो सकते हैं। अन्य कंपनियां भी रेट्रोफिट समाधान विकसित कर रही हैं, जैसे HYDI, जो मांग पर हाइड्रोजन उत्पन्न करने पर ध्यान केंद्रित करता है, जिससे ईंधन की खपत में उल्लेखनीय कमी हो सकती है।
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