9 जुलाई को, 25 करोड़ से अधिक श्रमिकों द्वारा एक राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया गया है। यह ‘भारत बंद’ बैंकिंग, बीमा, डाक सेवाओं, कोयला खनन और राजमार्गों सहित विभिन्न क्षेत्रों को प्रभावित करेगा। यह हड़ताल सरकार की ‘कॉर्पोरेट-समर्थक नीतियों’ के खिलाफ 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के एक संयुक्त मंच द्वारा आयोजित की जा रही है। भारत बंद को देखते हुए, ट्रेड यूनियनों ने संगठित और असंगठित दोनों क्षेत्रों में समर्थन जुटाना शुरू कर दिया है। हड़ताल में किसान और ग्रामीण श्रमिक भी शामिल हो सकते हैं। हड़ताल में शामिल होने वाले कर्मचारियों की मुख्य मांग है कि सरकार को बेरोजगारी संकट को जल्द से जल्द हल करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। इसके तहत, वे रिक्त पदों को भरने, अधिक रोजगार पैदा करने, मनरेगा कार्य दिवसों की संख्या बढ़ाने और वेतन में वृद्धि की मांग कर रहे हैं। ट्रेड यूनियनों ने शहरी क्षेत्रों के लिए मनरेगा जैसी योजना की भी मांग की है। बैंकिंग, बीमा, डाक सेवाएं, कोयला खनन, राजमार्ग और निर्माण क्षेत्र इस हड़ताल से सबसे अधिक प्रभावित होने की संभावना है। स्कूल और कॉलेज सामान्य रूप से खुलने की संभावना है क्योंकि कोई आधिकारिक आदेश नहीं दिया गया है।
Trending
- रोज़गार सृजन पर सरकार का ज़ोर: मुख्यमंत्री का युवा-केंद्रित वादा
- बीजापुर में 41 नक्सलियों का सरेंडर, 32 पर था 1.19 करोड़ का इनाम
- केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ के रायपुर में तीन दिवसीय 60वीं DGP/IGP कॉफ्रेंस का उद्घाटन किया
- जंगल-पहाड़ों के रास्तों से मतदाताओं तक पहुंच रही टीम
- बच्चों के भविष्य को स्वर्णिम बनाने की महती जिम्मेदारी शिक्षा विभाग पर – मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय
- बस्तर में शांति और विकास की नई दिशा : 65 लाख के इनामी 10 माओवादी आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटे
- मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से बिहार के पथ निर्माण मंत्री श्री नितिन नवीन ने की सौजन्य मुलाकात
- भारत-रूस वार्षिक शिखर बैठक: पुतिन की यात्रा पर अहम समझौते होंगे तय
