पवित्र सावन का महीना आ रहा है, जिसके साथ देवघर में श्रावणी मेला और कांवड़ यात्रा भी शुरू हो रही है। यह तीर्थयात्रा भक्ति का एक महत्वपूर्ण प्रदर्शन है, और प्रमुख प्रथाओं को समझना आवश्यक है। कांवड़ यात्रा तपस्या का एक रूप है, जिसमें तीर्थयात्रियों को कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है। कुछ कार्यों से यात्रा की पवित्रता खतरे में पड़ सकती है। तीर्थयात्रियों को नंगे पैर यात्रा करनी चाहिए, कांवड़ को कभी नीचे नहीं रखना चाहिए और ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। प्याज, लहसुन, मांस और शराब जैसे पदार्थों को छोड़कर, एक शुद्ध आहार की सलाह दी जाती है। अपमानजनक भाषा का प्रयोग करने, स्नान के बिना कांवड़ को छूने और तंबाकू उत्पादों का सेवन करने से बचें। इसके बजाय, यात्रा के दौरान भगवान शिव के मंत्रों का जाप करने पर ध्यान केंद्रित करें। मेले की तैयारियां जोरों पर हैं, जिसमें अधिकारियों द्वारा बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं का प्रबंध किया जा रहा है।
Trending
- बिग बॉस 19: पहले हफ्ते के नॉमिनेटेड कंटेस्टेंट्स
- क्वॉर्डल के जवाब और संकेत 27 अगस्त, 2025
- भारत पर अमेरिकी टैरिफ: पीएम मोदी का कड़ा रुख, जर्मनी में समर्थन
- द समर आई टर्न्ड प्रीटी सीजन 3: अंतिम एपिसोड का इंतजार
- WhatsApp ला रहा है वॉयसमेल सुविधा, मिस्ड कॉल का जवाब देना होगा आसान
- बिहार चुनाव: NDA में एकजुटता, प्रियंका गांधी पर JDU का हमला
- प्रियंका गांधी का आरोप: बीजेपी ने चुराए वोट, जनता से की सतर्क रहने की अपील
- BNP बांग्लादेश चुनाव के लिए तैयार, जमात-ए-इस्लामी से गठबंधन नहीं