पूर्व पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो की ओर से हाफिज सईद और मसूद अज़हर को भारत को सौंपने की पेशकश ने एक नई बहस छेड़ दी है। अल जज़ीरा के साथ एक साक्षात्कार में, भुट्टो ने कहा कि अगर नई दिल्ली सहयोग करने को तैयार है, तो पाकिस्तान इन आतंकवादी नेताओं को सौंपने को तैयार है। इस पेशकश पर सवाल उठाए जा रहे हैं, जिनमें हाफिज सईद के बेटे का भी शामिल है, जिन्होंने भुट्टो की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं। क्या यह पेशकश भारत के साथ रिश्तों को सुधारने की एक ईमानदार कोशिश है, या फिर यह बातचीत फिर से शुरू करने के लिए एक कूटनीतिक चाल है? भारत और पाकिस्तान के बीच अतीत में हुए वाकयों को देखते हुए, इस पेशकश पर संदेह पैदा होता है।
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